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गुजरात में तट से 10 किमी तक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया

165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा चक्रवात बिपरजॉय

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

Cyclone Biparjoy Empact: अहमदाबाद, चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की भयावहता को देखते हुए गुजरात सरकार (Gujarat) ने समुद्र तट से 10 किमी दूर तक रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि 0 से 5 किमी दूरी तक रहने वाले नागरिकों और जानवरों को हटा दिया गया है. 5 से 10 किमी दूरी तक नागरिकों को हटाने की प्रक्रिया चल रही है. 2 लाख जानवरों को भी वहां से निकाल लिया गया है. (Citizens evacuated to safer places up to 10 km from the coast in Gujarat)

फिलहाल बिपरजॉय की रफ्तार 165 किमी बताई जा रही है लेकिन आगे बढ़ने के साथ इसकी गति 135 किमी हो जाएगी. बिपरजॉय ने 8 जून को रात 11.30 बजे अपनी सर्वाधिक गति 194.4 किमी प्रति घंटा को पार कर चुका है.

भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल, गुजरात सरकार के आपदा प्रबंधन के अधिकारी, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में मदद कर रहे हैं. कांडला पोर्ट सहित सभी पोर्ट पर जहाजों को पोर्ट से निकाल कर एंकर कर दिया गया है. पोर्ट को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है.

तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश

पिछले 24 घंटों से तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है. इस दौरान 8.76 इंच बारिश दर्ज की गई है. अहमदाबाद एयरपोर्ट से सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. मुंबई अहमदाबाद उड़ान भी कैंसल कर दी गई है. पश्चिम रेलवे ने  गुजरात जाने वाली 90 ट्रेनों को रद्द कर दिया है. फ्लाइट और ट्रेनों का ऑपरेशन अगले तीन दिनों तक बंद रहेगा.

अमित शाह करेंगे समीक्षा बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज 3 बजे सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को बिपरजॉय को लेकर बैठक की थी.

चक्रवात बिपरजॉय गुजरात की तरफ लगातार बढ़ रहा है. हालांकि इसके अभी कमजोर पड़ने की सूचना मिली है. इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर गुजरात सीएम भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात की और ताजा हालात की जानकारी ली.

चक्रवात बिपरजॉय को लेकर मौसम विभाग के अलर्ट ने एक बार फिर गुजरात के लोगों में मन में डर पैदा कर दिया है. कच्छ से लेकर कांडला पोर्ट और तटीय इलाकों में रह रहे हजारों लोगों को विस्थापित किया जा रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि अरब सागर के ऊपर से निकला यह चक्रवाती तूफान अति भयंकर रूप ले चुका है. इस तूफान ने 1998 के तूफान की भयावह यादें ताजा कर दी हैं. तब इस तूफान की चपेट में आने से देशभर में 10 हजार से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, खासकर गुजरात के कांडला पोर्ट और कच्च में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था. अकेले गुजरात में सबसे ज्यादा 1173 लोगों की मौत हो गई थी. कच्छ और कांडला पोर्ट के आसपास का इलाका पूरी तरह से बर्बाद हो गया था. अधिकारी ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि जान-माल का नुकसान नहीं हो इसलिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है.

 

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