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मुंबई फ्लैट घोटाला: म्हाडा एवं एससी एसटी कोटे के 2800 से अधिक फ्लैटों की खुले बाजार में बिक्री
हाईकोर्ट ने जांच के लिए एक सदस्यीय कमेटी का किया गठन, शुरू हुई जांच

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Mumbai Flat Scam मुंबई. मुंबई शहर और उपनगरों में 70 गृहनिर्माण सोसायटियों ने राज्य सरकार कोटे के 10 प्रतिशत और एससी-एसटी कोटे के 20 प्रतिशत फ्लैटों की खुले बाजार में बेचने के मामले हाईकोर्ट ने जांच करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के आदेश पर मुख्य सचिव ने अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस कमेटी ने अपनी जांच शुरू कर दी है. (Sale of more than 2800 flats of MHADA and SC ST quota in the open market)
चेंबूर तिलक नगर स्थित महालक्ष्मी को ऑपरेटिव हाऊसिंग सोसायटी में इस कोटे के लिए आरक्षित 46 फ्लैटों और दुकानों को बिल्डर और सोसायटी चेयरमैन ने आपस में मिलकर खुले बाजार में बेच दिया था. इससे म्हाडा को 150 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. म्हाडा में उपसमाज विकास अधिकारी युवराज सावंत इस मामले का भंडाफोड़ किया.
युवराज सावंत के फ्लैटों के इस महाघोटाले का खुलासा करने के बाद सोसायटी के चेयरमैन अनिल जैतापकर तत्कालीन पुलिस अधिकारी (रिटायर्ड) ने सावंत को कूटरचित तरीके से फर्जी मामले में नाम दर्ज करवा कर खार पुलिस से उन्हें गिरफ्तार करा दिया. लगभग महीने भर बाद जेल से छूटने के बाद सावंत ने इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. जांच में यह साबित हो गया कि खार पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने सावंत को फर्जी मुकदमे में फंसाया था.
इस बीच महालक्ष्मी सोसायटी में अवैध रूप से फ्लैटों की बिक्री के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की. 30 जून 2023 को एक्टिंग चीफ जस्टिस आरिफ एस डॉक्टर ने राज्य सरकार से आरक्षित फ्लैटों की बिक्री करने की जांच करने का आदेश दिया. जस्टिस ने सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले की जांच मुख्य सचिव, अथवा अतिरिक्त मुख्य सचिव से कराई जाए. कोर्ट के आदेश पर मुख्य सचिव ने अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. उपसमाज विकास अधिकारी युवराज सावंत ने बताया कि कमेटी ने जांच शुरू कर दी है. महालक्ष्मी सोसायटी की तरस कुल 70 सोसायटियों में आरक्षित कोटे के फ्लैटों की आपस में बिक्री कर दी. इससे म्हाडा को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है.




