1300 किलो विस्फोटक वाली स्कल्प मिसाइलों से धुआं हो गए आतंक के अड्डे
300 किमी तक है मारक क्षमता

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई। भारतीय सेना ने मंगलवार-बुधवार रात करीब 1 बजे पीओके और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। जिस स्कल्प मिसाइलों से आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया उसमें 1300 किलो विस्फोटक लदा हुआ था। पहलगाम हमले में 26 निरपराध महिलाओं का सुहाग उजाड़ने वाले आतंकियों के आकाओं को निशाना बनाने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में 100 से अधिक आतंकियों को 72 हूरों के पास भेज दिया गया है। इस हमले जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन के आका मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्य मारे गए। (Pakistan Terror bases turned into smoke due to Scalp missiles carrying 1300 kg of explosives)
भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा कि इस कार्रवाई में राफेल फाइटर जेट्स से SCALP क्रूज मिसाइलों और हैमर बमों का इस्तेमाल किया गया। यह मिसाइलें इतनी घातक है कि जिस मदरसों में आतंक की ट्रेनिंग दी जाती है उनके भीतर बने बंकरों को भी भेद दिया।
इस मिसाइल का वजन 1300 किलोग्राम और लंबाई 5.1 मीटर है। इसकी स्पीड सबसोनिक यानी की आवाज की स्पीड से थोड़ा कम चलती है। ये 1050 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती है।इसकी मारक क्षमता 300 किमी है। पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश किए बिना तबाही मचा दी। स्कल्प मिसाइल स्टील्थ है जो किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आती हैं। इन मिसाइलों को पाकिस्तान का कोई भी डिफेंस सिस्टम भनक भी नहीं लगा सका।
यह मिसाइल टारगेट को भेदने के लिए जानी जाती है। इसमें बंकर, रनवे, कमांड सेंटर शामिल हैं। यह टारगेट के पास सिर्फ 50 मीटर की ऊंचाई पर उड़ती है। इससे पाकिस्तान का HQ-9 रडार इसे पकड़ नहीं पाया।
स्कैलप मिसाइल लंबी रेंज के बावजूद ये बेहद सटीकता से अपने टारगेट को निशाना बना सकती है।
इतना ही नहीं इसके नेविगेशन सिस्टम के भी चार हिस्से हैं। इसमें पहला तो आईएनएस शामिल है। ये शुरुआती उड़ान में रास्ता तय करता है। जीपीएस भी उड़ान के दौरान टारगेट की लोकेशन को अपडेट करता है। टेरेन प्रोफाइल मैंचिग जमीन के नक्शे से मिलान करके ऊंचाई और दिशा को एडजस्ट करता है। वहीं अब चौथे सिस्टम की बात करें तो इलेक्ट्रो –ऑप्टिकल टर्मिनल गाइडेंस आखिरी सेकेंड्स में टारगेट की फोटों से मिलाकर सेंटीमीटर लेवल की सटीकता से टारगेट हिट करता है।




