
मुंबई. एशिया की सबसे धनवान महानगर पालिका मुंबई का खजाना बढ़ रहा है. इस वर्ष मुंबई मनपा का बजट 39 हजार करोड़ रुपये था. उसके बाद भी अर्थिक हालत खराब होने की चर्चा गूंजती रही. लेकिन मनपा का खजाना लगातार बढ़ रहा है. विभिन्न बैंकों में जमा डिपॉजिट और निवेश से मिले ब्याज से तिजोरी एक लाख करोड़ के करीब पहुंच गई है.
2017 में बीएससी का विभिन्न बैंकों में 64,482.64 हजार करोड़ रुपये डिपॉजिट जमा था. 31 अगस्त 2021 तक उसमें 18 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. अब बीएमसी का डिपॉजिट 82,410.44 हजार करोड़ हो गया है.
बीएमसी द्वारा विभिन्न बैंकों में जमा किए गए डिपॉजिट में पीएफ, सेवानिवृत्त वेतन, ठेकेदार द्वारा दिया गया एडवांस डिपॉजिट राशि सहित विशेष निधी शामिल है. बीएमसी ने कई योजनाओं पर काम कर रही है जिसमें नये जल प्रकल्प, कोस्टल रोड, मीठी नदी के बीएमसी ने कुछ राशि रिजर्व रखा हुआ है. उस निधि का उपयोग भविष्य में प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए किया जाएगा.
कोरोना के कारण बीएमसी पर अचानक आर्थिक भार बढ़ गया. बीएमसी को स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ानी पड़ी. कोरोना पर अब तक 5 हजार करोड़ रुपये खर्च किया गया है. बीएमसी को मिलने वाला ऑक्ट्राय बंद कर उसकी जगह जीएसटी लागू कर दिया गया. जीएसटी के बदले 5 साल तक केंद्र सरकार से मदद मिल रही थी लेकिन 2022 से वह मदद बंद हो जाएगी. जिसके बाद बीएमसी को आर्थिक श्रोत बढ़ाने के लिए नये विकल्प तलाशने होंगे.
ऐसे बढ़ी ब्याज से आय
महीना वर्ष राशि
जून 2017 67,741.92 हजार करोड़
मार्च 2018 69,135 हजार करोड़
जून 2019 79,91 46 हजार करोड़
वर्ष 2021 में 82,410.44 हजार करोड़ हो गई है. बीएमसी को ब्याज के तौर पर बैंकों से 3,318 करोड़ ब्याज मिला. बीएमसी ने अगस्त 2021 में विभिन्न बैंकों में 2 करोड़ रुपये से लेकर 531 करोड़ रुपये तक डिपॉजिट किया है. बीएमसी का कुल निवेश 9071.99 हजार करोड़ है. आगामी समय में उस पर भी 428.31 करोड़ रुपए ब्याज मिल सकता है.
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