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और थम गया सुरों का सफर

पंचतत्व में विलीन हो गई स्वर कोकिला

भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने दी मुखाग्नि
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
  Lata Mangeshkar :मुंबई शाम 7 बजे के करीब जब सूर्य अपनी लालिमा समेटे अस्ताचल की ओर बढ़ रहा था ठीक उसी समय सूर्य के समान पूरी दुनिया में अपने सुरीली आवाज के प्रकाश से सराबोर कर देने वाली सुरों की मलिका का भी इस धरा से आखिरी प्रयाण हो रहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित तमाम  राजनैतिक दलों के नेता,पेडर रोड़ से शिवाजी पार्क तक लता मंगेशकर की आखिरी झलक पाने के लिए खड़े लोगों ने आखिर विदायी दी.
तिरंगे झंडे में लिपटे लतादीदी का पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय सम्मान के लिए शिवाजी पार्क लाया गया था. उनके छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने मुखाग्नि दी. जिसके बाद लता दीदी पंचतत्व में विलीन होकर सदा के अमर हो गई.
 लता मंगेशकर के  निधन की खबर मिलते ही # लतादीदी ट्विटर पर ट्रेंड होने लगा. सिर्फ ट्विटर ही नहीं पूरा सोशल मीडिया पर लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि की होड़ सी लग गई.
लता मंगेशकर अपनी चार बहनों और भाई हृदयनाथ मंगेशकर के साथअब बस लता दीदी के गाए हुए गीत फिजाओं में अपनी महक बिखेरते रहेंगे. ” रहें ना रहें हम, महका करेंगे, बनके कली, बनके सबा,बागे वफा में”…
प्रस्तुत है लता मंगेशकर की कुछ यादगार तस्वीरे
लता मंगेशकर का प्रभुकुंज भवन
प्रभुकुंज भवन
मुखाग्नि के बाद का दृश्य
मुखाग्नि के बाद का दृश्य
अस्पताल में निधन से पहले

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