
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Langar at ukrein borders: मानव सेवा क्या है यह भारत से ज्यादा कौन समझ सकता है. सदियों से देश में मानव सेवा परमो धर्म: के मूल मंत्र को चरितार्थ किया जा रहा है. सिख समुदाय इसी का पालन लंगर के रुप में करता है. कहीं भी किसी भी आपदा,विपदा के समय सिख समाज सेवा देने से कभी पीछे नहीं हटा. गुरुद्वारों में हमेशा लंगर चलता रहता है. वहां यह नहीं देखा जाता कि व्यक्ति किस जाति, धर्म से है. किस समाज से है. यहां उंच नीच का भी भेद नहीं किया जाता. यूक्रेन में चल रही भीषण लड़ाई के बीच लोग यूक्रेन छोड़ रहे हैं. कई दिनों से एक निवाला भी पेट में नहीं गया.

वहां फंसे लोग बस बाहर निकल जाना चाहते हैं. ऐसे में सिख भाई उनके लिए देवदूत का काम कर रहे हैं. खालसा एड की तरफ से सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
देखें वीडियो https://youtu.be/0Y57OpFbgQQ
पैदल, बसों में भर कर जो लोग पड़ोस के बॉर्डर तक पहुंच रहे हैं उनके लिए सिख समुदाय सेवा देने के लिए खड़ा है. सिख समुदाय के लोग बॉर्डर पर भी लंगर लगा कर लोगों को भोजन दे रहे हैं. इस लंगर में भोजन करने वाले भारतीय छात्र भी हैं और दूसरे देशों के नागरिक भी. यहां केवल खाना नहीं मिल रहा है. फल,दूध के अलावा रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली वस्तुएं,कपडे भी रखे गए हैं, जरूरत के अनुसार लोग ले सकते हैं. लोगों को मुफ्त में सिमकार्ड के अलावा फोन करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है. यही तो इस समुदाय की खूबसूरती है. विदेश में रहकर भी मानव सेवा परमो धर्म:मूल मंत्र को नहीं भूले हैं जहां रहते हैं वहीं ‘वाहेगुरु का खालसा, वाहेगुरु की फतह’ हो जाती है. आपकी नि:स्वार्थ सेवा को सलाम




