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सीने पर पत्थर रख कर शिंदे को मुख्यमंत्री स्वीकार किया

चंद्रकांत पाटिल के बयान से खलबली

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. महाराष्ट्र में पिछले दिनों हुए सत्ता परिवर्तन के बाद जब नई सरकार के गठन की बारी आई तो मुख्यमंत्री के पद के लिए देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnvis)की जगह एकनाथ शिंदे (Eknath shinde) को सीएम घोषित किए जाने से हम सभी को झटका लगा था. यह पहले से तय था कि फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे. लेकिन केंद्र का आदेश था सीने पर पत्थर रख कर शिंदे को मुख्यमंत्री स्वीकार करना पड़ा. पदाधिकारियों की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल(Chandrakant patil) के इस बयान से खलबली मच गई है.
 शिंदे के मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी नेता ने बड़ा बयान दिया है. पदाधिकारियों की बैठक में बोलते हुए प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, पिछले ढाई साल की तस्वीर देखने के बाद राज्य में सरकार बदलने की जरूरत थी. जैसा कि यह परिवर्तन हो
चुका है. परिवर्तन के समय एक ऐसा नेता की आवश्यकता थी जो सही संदेश दे सके. जो अच्छे फैसलों को स्थिरता देगा. ऐसे समय केंद्रीय नेतृत्व ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया. इस फैसले से हम सभी दुखी हैं. वसंतराव नाइक के बाद देवेंद्र फडणवीस लगातार पांच साल मुख्यमंत्री रहे.
 पांच साल मुख्यमंत्री रहने के बाद किसी ने नहीं सोचा था कि केंद्र ने  ऐसा फैसला देगा, केंद्र के फैसले को देवेंद्र फडणवीस ने बड़े दिल के साथ स्वीकार किया.
      मुंबई को जीतना है 
   इन तमाम राजनीतिक बदलाव के बाद लोग रो रहे थे, लेकिन पार्टी में किसी ने नाराजगी नहीं जताई. यही पार्टी की ताकत है. सरकार बनने के बाद पार्टी संगठन को मजबूत करना होगा. आने वाले समय में मुंबई महानगर पालिका जैसी ग्राम पंचायतें, नगर परिषद, नगर निगम और मुंबई नगर निगम में चुनाव होने हैं. हम सभी को पूरी ताकत लगा कर  मुंबई को जीतना है.
      अंधेरी रात के बाद निकल सूरज 
चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि  पनवेल में बैठक करने की वजह यह है कि शपथ लेने के बाद 90 फीसदी लोग मुंबई में हैं. दादा ने कहा कि अब वापस अपने स्थान पर जाओ और काम करो जब सब कुछ हो जाएगा, तुम्हें बुलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में हम पर केस लादे गए, हमें उखाड़ने की कोशिश की गई, लेकिन हम जमे रहे. हमने राशन की दुकान पर सभी को खाना देने के लिए लड़ाई लड़ी. अनिल देशमुख, संजय राठौड़ के मुद्दों पर लड़ना पड़ा. हम सभी चुनावों में नंबर एक रहे. राज्य सभा, विधान परिषद, सबने देखा हमने क्या कमाल किया. अंधेरी रात के बाद अब सूरज निकला है. हमें मजबूती के साथ आगे बढ़ते रहना है.

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