मुंबई. बीएमसी चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं लेकिन चुनावी तपिश अभी से महसूस की जाने लगी है. बीजेपी ने बीएमसी कामगारों की कालोनियों के पुनर्निर्माण निविदा में 1844 करोड़ रुपये घोटाले का आरोप लगा कर बीएमसी की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना को बेनकाब करने की कोशिश की. वहीं शिवसेना ने भी उसी अंदाज में पलटवार करते हुए बीजेपी को कमजोर बताने की कोशिश की.
बीजेपी के आरोपों पर जवाब देने के लिए स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव ने मोर्चा संभाला. जाधव ने कहा कि बीजेपी के कई नगरसेवक शिवसेना के संपर्क में हैं. इसकी भनक लगते ही बीजेपी नेता झूठ बोलकर अपना दामन बचाने में लगे हैं. जाधव ने कहा कि चुनाव से पूर्व बीजेपी के भीतर भगदड़ मचने वाली है.
जाधव ने कहा कि बीएमसी में बीजेपी के नेताओं की कार्यप्रणाली से नगरसेवक उब चुके हैं. नगरसेवक फूटे नहीं इसलिए वरिष्ठ नेताओं की तरफ से उन्हें धमकाया जा रहा है. नगरसेवकों के फूटने के ड़र से बीजेपी के नेता तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं. जाधव ने कहा कि दिसंबर तक रुकिए अनेक बीजेपी नगरसेवक शिवसेना में शामिल होते दिखेंगे. हालांकि
उन्होंने कितने नगरसेवक शिवसेना में आएंगे यह आंकड़ा नहीं बताया.
कोरोना के समय से ही बीजेपी बीएमसी प्रशासन और शिवसेना पर बार- बार घोटाला करने का आरोप लगा रही है. बीजेपी ने बीएमसी में हुए घोटाले की जांच करने की मांग राज्यपाल और लोकायुक्त से भी किया है. अब बीजेपी ने आश्रय योजना में 1844 करोड़ रुपये घोटाला करने का आरोप लगाया है. बीजेपी का कहना की आश्रय योजना के बीएमसी प्रशासन ने निर्धारित राशि से तीन गुना अधिक पर ठेका देकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया है. इस जाधव ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं में दम है तो आरोप को सिद्ध करें.
मुंबई शहर और उपनगरों में 300 से 600 वर्ग मीटर का घर बनाने का प्रस्ताव स्थायी समिति में मंजूर किया गया है. प्रस्ताव के समय बीजेपी नगरसेवक मुंह में मूंग दबाए बैठे थे क्या. उस समय उन्होंने इसका विरोध क्यों नहीं किया.
यशवंत जाधव
अध्यक्ष स्थायी समिति, बीएमसी
25 साल से बीएमसी की सत्ता में रहने के बाद भी मुंबईकरों को उत्तम सुविधा देने में शिवसेना नाकाम रही है. उसे पता है कि अपने नगरसेवकों के दम पर अगला चुनाव नहीं जीत सकती इसलिए बीजेपी के कार्यक्षम नगरसेवकों को तोड़ने का मंसूबा पाले हुए हैं. बीजेपी नगरसेवक पार्टी के प्रति निष्ठावंत हैं, शिवसेना यह स्वप्न न देखे कि बीजेपी के नगरसेवक टूट कर शिवसेना में शामिल हो जाएंगे. आगामी चुनाव में बीएससी पर बीजेपी पूर्ण बहुमत से सत्ता में आएगी . बीएमसी को लूटने वालों को जनता बाहर का रास्ता दिखाएगी.