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पत्राचाल घोटाला प्रवीण राउत केवल मोहरा, असली खिलाड़ी थे संजय राउत, ईडी ने लगाए गंभीर आरोप
ईडी के शिकंजे से संजय का बच निकलना इतना आसान नहीं

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. पत्राचाल घोटाले (PatraChawl Scam) में भले ही संजय राउत (Sanjay Raut) खुद को निर्दोष बता कर कह रहे हैं कि उनका कौड़ी मात्र का संबंध नहीं है लेकिन आज पीएमएलए कोर्ट ने ईडी ने राउत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पिछले तीन चार महीनों में जिस तरह जांच कर ईडी ने घेरा है उनका ईडी के शिकंजे से बच निकलना इतना आसान नहीं है.
चार अगस्त तक कस्टडी में राउत
पत्राचाल में धोखाधड़ी के मामले में ईडी की विशेष अदालत ने संजय राउत को चार अगस्त तक के लिए हिरासत में भेज दिया है. न्यायाधीश ने कहा कि संजय राउत वित्तीय हेराफेरी के मामले में ईडी द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया शामिल हैं. ईडी की ओर से एडवोकेट हितेन वेणेगावकर और संजय राउत की ओर से एडवोकेट अशोक मृंदरगी पेश हुए.
ईडी ने पत्राचाल धोखाधड़ी के सिलसिले में कल सुबह संजय राउत के घर पर छापा मारा, जिसके बाद उन्हें ईडी ने दिन भर की पूछताछ के बाद हिरासत में लिया, जिसके बाद देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. संजय राउत को दोपहर 2 बजे पीएमएलए कोर्ट लाया गया. 2.15 मिनट के बाद उन्हें कोर्ट रूम नंबर 16 स्पेशल ईडी कोर्ट में पेश किया गया.
HDIL से प्रवीण को मिले 112 करोड़
सुनवाई शुरू होने के बाद ईडी के वकील हितेन वेणगावकर ने बहस के दौरान गंभीर आरोप लगाए. प्रवीण राउत पात्राचाल का विकास देख रहे थे. उन्हें एचडीआईएल से 112 करोड़ रुपए मिले. जिसमें से 1 करोड़ 6 लाख 44 हजार राउत के खाते में भेजे गए. ईडी के वकीलों ने दावा किया कि प्रवीण राउत ने संजय राउत और वर्षा राउत को 37 करोड़ रुपए फिर दिए जिसके बाद उन्होंने दादर में एक फ्लैट खरीदा.
इसी पैसे से खरीदी जमीन
ईडी ने आरोप लगाया कि पत्राचाल घोटाले से राउत परिवार को सीधा आर्थिक लाभ हुआ है. इसी पैसे से अलीबाग में जमीन खरीदी गई. प्रवीण राउत सिर्फ मोहरा था, वह संजय राउत की ओर से सभी लेन-देन कर रहा था, चाहे वह पत्राचाल घोटाले का पैसा हो या दादर में घर खरीदने अथवा अलीबाग में जमीन, यह सब संजय राउत के कहने पर किया गया था. न्यायालय के समक्ष ईडी की तरफ से रखे गए मजबूत साक्ष्य से न्यायाधीश भी सहमत दिखे. इसलिए कहा जा रहा है कि ईडी के जाल में फंसे संजय राउत जल्द नहीं छूटने वाले हैं.