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मिल गए बाबा विश्वनाथ, कोर्ट ने दिया सील करने का आदेश

तीसरे दिन के सर्वे में हिंदू पक्ष का बड़ा दावा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
वाराणसी. कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे आज पूरा हो गया. तीसरे दिन सवा दो घंटे का सर्वे किया गया. इस दौरान हिंदू पक्ष के वकील विष्णू जैन ने दावा किया है जितना समझा गया था उससे ज्यादा साक्ष्य मिले हैं. उन्होंने दावा किया कि ज्ञानवापी के कुएं में बाबा विश्वनाथ भी मिल गए हैं. ज्ञानवापी कुएं में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी कोर्ट ने उस स्थान को सील करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पुलिस प्रशासन और सीआरपीएफ को आदेश दिया है कि जिस स्थान को सील किया जा रहा है वहां सुरक्षा की व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी तय की है.
     जिन ढूंढ़ा तिन पाईयां 
 हिंदू पक्ष के एक अन्य वकील सोहनलाल आर्य ने कबीर वाणी ” जिन ढूंढा तिन पाईयां गहरे पानी पैठी, मैं बपुरा बूडन ड़रा, रहा किनारे बैठि”  से इशारों में बता दिया कि बाबा पानी में पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि कुएं में बड़ा काले रंग का पत्थर मिला है. जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है. हिंदू पक्ष के मदनमोहन यादव ने दावा किया कि शिवलिंग का व्यास 12.8 फिट था.
यह भी दावा किया गया कि ज्ञानवापी की दीवारों पर स्वस्तिक और ॐ के निशान भी मिले हैं जिन्हें पेंट से छुपाने का प्रयास किया गया था. हालांकि प्रशासन का कहना है कि इस मामले में केवल आधिकारिक बयानों को माना जाना चाहिए.
    कुएं का पंप से निकाला पानी
 प्रशासन ने कुएं का पानी पंप के जरिए निकाल कर वहां जांच की. इससे पहले वाटर प्रूफ कैमरा डाल कर  वीडियोग्राफी कराई गई. तीसरे दिन सर्वे का काम पूरा होने के बाद वाराणसी पुलिस ने शांतिपूर्ण सर्वे कराने को लेकर सबका आभार व्यक्त किया है. प्रशासन ने कहा कि केवल आधिकारिक बयान पर भरोसा करें.  कोर्ट कमिश्नर मंगलवार को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे.
   कुएं में बाबा विश्वनाथ की कहानी
 बताया जाता है कि जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ने के लिए आक्रमण किया तो उस समय पुजारियों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में बैठे नंदी के कान में कहा, “मुझे तो मरना है, पर आपका तप बड़ा है,
आपको सदियों तक इंतजार करना है. यह वाक्य बोल कर पुजारियों ने महादेव के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को बचाने के लिए शिवलिंग के साथ ही ज्ञानवापी कुएं में छलांग लगा दी. 353 साल पुराना ज्ञानवापी कुंड काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तार में कॉरिडोर का हिस्सा बना लेकिन ये तस्वीर उसी नंदी की है जो सालों तक अपने महादेव की ओर मुंह करके मंदिर के पुनरुत्थान की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

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