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मनसे का गंभीर आरोप, आयुक्त ने कोरोना महामारी में खर्च की कैग जांच रोका

कांग्रेस बोली, राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. कोरोना महामारी (Covid 19 Pandemic Commission Stop CAG Investigation)  के दौरान किए गए खर्च को लेकर मनसे ने बीएमसी आयुक्त कैग जांच रोकने का गंभीर आरोप लगाया है. मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि महामारी के समय किए गए खर्च से संबंधित कोई भी कागजात कैग को उपलब्ध न कराएं. मनसे के इस आरोप के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या सचमुच करोना में दवाओं की खरीद में बड़ा घोटाला किया गया है. हालांकि बीएमसी कमिश्नर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है.

विदित हो कि कोरोना महामारी के समय पूर्व मुख्यमंत्री  उद्धव ठाकरे ने बीएमसी कमिश्नर के हाथ में पेंडेमिक का पूरा पावर दे दिया था. भाजपा और कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सत्ताधारी पार्टी और बीएमसी अधिकारी पेंडमिक में मिले अकांग्रेसधिकार का दुरुपयोग कर घोटाला कर रहे हैं.पूर्व विरोधी पक्ष नेता रवि राजा ने भी कहा कि कैग जांच रोक कर आयुक्त राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना ही नहीं चुनौती भी दे रहे हैं.

राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मनपा में कथित घोटाले की कैग के जरिए जांच के आदेश दिए थे.  20 नवंबर को कैग अधिकारियों की बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल के साथ बैठक हुई थी जिसमें उन्होंने कोरोना में हुए खर्च की जांच से इनकार कर दिया था. आयुक्त ने कहा था कि पेंडेमिक में उन्हें मिले विशेषाधिकार के तहत लोगों स्वास्थ्य के लिए खर्च किए. कोरोना जब कोई सामान देने को तैयार नहीं था उस समय हमने मुश्किल से लोगों को समझा कर काम किया. संदीप देशपांडे ने कहा कि महामारी के आड में बड़े घोटाले किए गए.

मुख्यमंत्री ने कोरोना के दौरान दो वर्षों में  किए गए 12000 करोड़ रुपए खर्च की जांच करने के निर्देश दिए थे. कैग बीएमसी के मध्यवर्ती खरीदी विभाग के कार्यालय में कोरोना खर्च के कागजात मांग रही लेकिन अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं. आरोप है कि बीएमसी अधिकारी कैग को  सहयोग नहीं कर रहे हैं.

मनसे नेता संदीप देशपांडे ने गुरुवार को पत्रकार परिषद में आयुक्त के इस निर्णय का विरोध किया. देशपांडे ने आरोप लगाया कि बीएमसी अधिकारी और सत्ताधारी पार्टी ने  कोरोना के दौरान जनता के पैसों को लूटा है.

देशपांडे ने आरोप लगाया कि बीएमसी अधिकारी और सत्ताधारी पार्टी के नेता अपने लोगों को ठेका देकर जम कर घोटाला किया है. उन्होंने कहा कि कैग जांच रोकने से पता चलता है कि घोटाला कितना बड़ा है. वरना आयुक्त कोरोना खर्च की जांच से क्यों भागते.

हालांकि इस बारे में जब बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने कहा कि कैग की किसी जांच को नहीं रोका गया है. सरकार के आदेश के अनुसार सभी तरह की कैग जांच चल रही है.

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