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कांग्रेस के 8 विधायकों को फोड़ भाजपा ने किया गेम, विधानपरिषद में पांच उम्मीदवार जीते

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी से पिछड़ने के बाद सकते में आए महायुति के नेताओं ने विधानपरिषद की 11 सीटों पर आज हुए चुनाव में भाजपा के सभी पांच उम्मीदवार जीत गए, अजीत पवार की एनसीपी के दो और शिवसेना शिंदे गुट के दो उम्मीदवार चुनाव जीत कर महाविकास आघाड़ी को बैकफुट पर ढ़केल दिया है. 11 सीट के लिए 12 उम्मीदवार खड़े थे. भाजपा के चार उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित थी लेकिन कांग्रेस के 8 विधायकों के वोट हासिल कर भाजपा ने एमवीए को जबरजस्त झटका दिया है. (BJP Won 5 Mlc Seat in Maharashtra)
शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) के मिलिंद नार्वेकर विजयी हुए वही कांग्रेस की प्रज्ञा सातव भी चुनाव जीत गई, लेकिन एनसीपी शरदचंद्र पवार समर्थित शेतकरी कामगार पार्टी के जयंत पाटिल चुनाव हार गए. एक उम्मीदवार की जीत के 23 वोट का कोटा तय किया गया था.(BJP played a game by splitting 8 Congress MLAs, five candidates won in the Legislative Council)
महायुति की भाजपा के योगेश टिकेकर 26 वोट लेकर पहले विजय हासिल किए. भाजपा के परिणय फुके, पंकजा मुंडे, अमित गोरखे चुनाव जीत गए. भाजपा,समर्थित सदा भाऊ खोत भी चुनाव जीत गए.
शिवसेना शिंदे गुट के कृपाल तुमाने, भावना गवली भी विजयी रहीं. एनसीपी अजीत गुट के शिवाजीराव गर्जे, राजेश विटेकर भी जीत हासिल करने में सफल रहे. कांग्रेस की प्रज्ञा सातव को 26 वोट मिले. शिवसेना यूबीटी के मिलिंद नार्वेकर भी चुनाव जीत गए.
चुनाव से पूर्व कहा गया कि अजीत गुट के विधायक नाराज हैं इसलिए उनके नाराज विधायक फूट कर महाविकास आघाड़ी उम्मीदवार को वोट कर सकते हैं, लेकिन अजीत गुट के विधायक एकजुट रहे.
महायुति के सभी 9 उम्मीदवारों की जीत के हीरो देवेन्द्र फडणवीस की रणनीति से महाविकास आघाड़ी को मात मिली. फडणवीस कांग्रेस के 8 वोट तोड़ने में सफल रहे. कांग्रेस के कोटे से बचे जो वोट जयंत पाटिल को मिलने थे वह महायुति के उम्मीदवारों को मिल गए. इस कारण से राज्य की राजनीति में देवेन्द्र फडणवीस का कद और बढ़ गया है.
यूबीटी नेता संजय राऊत ने दावा किया था कि महायुति का वोट टूटेगा, लेकिन महायुति का एक भी वोट नहीं टूटा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि महायुति के वोट टूटेंगे यह गलत नैरेटिव सेट किया गया था. लेकिन चुनाव परिणाम से उनके झूठ की हवा निकाल गई. कांग्रेस का वोट महाविकास आघाड़ी को नहीं मिलने से महाविकास आघाड़ी में फूट निश्चित हो गई है.




