ठंड से कांपा महाराष्ट्र, ओझर 4.7, जलगांव 05 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज
जानें, महाराष्ट्र में कहां कितना गिरा पारा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. उत्तर भारत की तरह महाराष्ट्र में भी ठंड का सितम शुरू हो गया है. (Maharashtra shivering with cold, Ojhar 4.7, Jalgaon recorded 05 degree Celsius temperature) ओझर में रविवार रात तापमान गिरकर कर 4.7 पर आ गया वही जलगांव में 5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में ठंड बढ़ने का अनुमान जताया है. विदर्भ में 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है. 2014 के बाद इस बार सबसे अधिक ठंड दर्ज की गई है.
मौसम विभाग के अनुसार भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के तहत सफर प्रणाली द्वारा वायु गुणवत्ता सूचकांक और वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रदान किया जाता है. वायु गुणवत्ता के निष्कर्ष अच्छे, संतोषजनक, निष्पक्ष, खतरनाक, बहुत खतरनाक के रूप में निर्धारित किए जाते हैं. सफर के मानदंडों के हिसाब से मुंबई और पुणे की हवा बिगड़ती नजर आ रही है. पिछले कुछ दिनों में ठंड बढ़ने से इन दोनों शहरों में प्रदूषण भी बढ़ गया है.
उत्तर भारत इस समय ठंड से कांप रहा है. उत्तर भारत में कुछ स्थानों पर पारा गिरकर 2 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया है. उत्तर प्रदेश में स्कूल, कॉलेज 13 जनवरी तक बंद कर दिए हैं. मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी हवाओं के कारण शीतलहर चल रही है. अगले कुछ दिन तक महाराष्ट्र में यही स्थिति रहने वाली है.
महाराष्ट्र के सबसे ठंडे इलाके
मुंबई आईएमडी के अनुसार रविवार रात औरंगाबाद 5.7, परभणी 9.5, पुणे 8.6, नासिक 8.7, निफाड 5, डिग्री तापमान दर्ज किया गया.ये महाराष्ट्र के सबसे ठंडे इलाके रहे जहां ठंड ने लोगों को हिला कर रख दिया.
मुंबई पुणे में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब
ठंड बढ़ने के कारण मुंबई और पुणे में प्रदूषण बढ़ गया है. जिस कारण वायु की गुणवत्ता में गिरावट आई है. कुछ स्थानों पर एआईक्यू 300 से उपर चला गया है. अगले दो दिनों तक मुंबई, पुणे की हवा बहुत खतरनाक स्तर पर रहने की उम्मीद है. मुंबई के कोलाबा, मझगांव, अंधेरी, चेंबूर, मलाड, नवी मुंबई, मुंबई में हवा की गुणवत्ता बहुत खतरनाक है, जबकि भांडुप क्षेत्र में हवा खतरनाक स्तर पर है.
डॉक्टर का कहना है कि मुंबई में खराब गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है. इसमें सांस लेने में तकलीफ, थकान हो सकती है. खासकर अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हो सकती है. इसलिए शारीरिक परिश्रम से बचें, ज्यादा देर तक बाहर न रहें.