आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली. जब आप जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती, जब आप हारते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ हो जाती है इस कठोर टिप्पणी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने वोटिंग के लिए पेपर बैलेट के इस्तेमाल की जनहित याचिका को आज खारिज कर दिया. ( If You Win, EVMs Aren’t Tampered, When You Lose, They Are Tampered, Supreme Court Dismisses PIL To Use Paper Ballots For Voting)
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश में चुनावों में बैलेट पेपर से मतदान की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की बेंच जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में मांग की गई थी कि ईवीएम से छेड़छाड़ होती है इसलिए बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने चाहिए. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी कि यदि कोई उम्मीदवार चुनाव के दौरान मतदाताओं को पैसे, शराब या अन्य प्रलोभन देने का दोषी पाया जाता है, तो उसे कम से कम पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाए.
याचिकाकर्ता के ए पॉल ने कहा कि उन्होंने जनहित याचिका दायर की है, तो पीठ ने कहा, आपके पास दिलचस्प जनहित याचिकाएं हैं. आपको ये शानदार विचार कहां से मिले? याचिकाकर्ता ने कहा कि वह एक ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं, जिसने तीन लाख से अधिक अनाथों और 40 लाख विधवाओं को बचाया है. इस पर पीठ ने कहा, आप इस राजनीतिक क्षेत्र में क्यों आ रहे हैं? आपका कार्यक्षेत्र बहुत अलग है. पॉल ने जब बताया कि वे 150 से ज़्यादा देशों में जा चुके हैं, तो पीठ ने उनसे पूछा कि क्या हर देश में बैलेट पेपर से वोटिंग होती है या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग का इस्तेमाल होता है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि विदेशी देशों ने बैलेट पेपर से वोटिंग को अपनाया है और भारत को भी ऐसा ही करना चाहिए. पीठ ने पूछा, आप बाकी दुनिया से अलग क्यों नहीं होना चाहते? पॉल ने कहा, देश में भ्रष्टाचार है और इस साल (2024) जून में चुनाव आयोग ने घोषणा की कि उसने 9,000 करोड़ रुपए जब्त किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती है और जब हारते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ हो जाती है. ऐसे दिलचस्प आईडिया कहां से लेकर आते हैं.