बीएमसी ने उठाया बड़ा कदम, बीएमसी के सभी अस्पतालों में पैदा होने वाले बांग्लादेशी बच्चों के जन्मप्रमाण पत्र की होगी जांच

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई। मुंबई महानगरपालिका ने बड़ा कदम उठाते हुए सन 2015 से लेकर अब तक मनपा अस्पतालों में पैदा होने वाले बच्चों के फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट की जांच करने का फैसला किया है। यह जांच मुंबई में बांग्लादेशी मूल के नागरिकों के बच्चों का फर्जी सर्टिफिकेट बनाने की आशंका को लेकर की जाएगी। इस बीए मंगलवार को एम पूर्व विभाग में 200 बच्चों का फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के आरोप में मनपा ने अपने एक वरिष्ठ डॉक्टर और दो क्लर्क को निलंबित कर दिया है। (BMC takes a major step, birth certificates of Bangladeshi children born in all BMC hospitals will be checked)
भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाके गोवंडी के शताब्दी अस्पताल के अधिकारी की मिलीभगत से 200 बच्चों का फर्जी तरीके से बर्थ सर्टिफिकेट बनाया गया है। मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच में पाया कि यह आरोप सही हैं। मनपा का नियम है कि अस्पतालों में पैदा होने वाले बच्चों का बर्थ सर्टिफिकेट एक वर्ष के भीतर बनाना जरूरी है। यदि उससे अधिक आयु के बच्चे हैं तो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट से आदेश लाना अनिवार्य है। लेकिन बीएमसी की जांच में यह पता चला कि गोवंडी के शताब्दी अस्पताल में जिन बच्चों को पैदा होना दिखाया गया वह बोगस था। इस कारण से बीएमसी ने कार्रवाई करते हुए अपने एक एमओएच और दो क्लर्क को निलंबित कर दिया।
बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी ने अब 2015 से लेकर अब तक मनपा अस्पतालों में पैदा हुए बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट की जांच करने का आदेश दिया है। इससे मुंबई में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मूल के नागरिकों की घुसपैठ का भी पता चलेगा।




