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मध्य रेलवे में विरोध प्रदर्शन के दौरान लोकल ने रौंदा दो यात्रियों की मौत, दो घायल 

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। गुरुवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर रेलवे कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान अचानक हुए हादसे में दो यात्रियों की मौत हो गई जबकि दो यात्री घायल हो गए हैं जिनका इलाज चल रहा है। आरपीएफ द्वारा दर्ज किए गए मामले के विरोध में सीएसएमटी स्टेशन पर भी विरोध प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन करने वाले लोग लोकल के सामने आकर उसका संचालन बंद कर दिया। लोकल ठप होने से यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई। शाम के समय नौकरी से छूटे लोगों के सामने घर पहुंचने की परेशानी पैदा हो गई।  रेल यात्रियों को देरी का सामना करना पड़ा। (Two passengers killed, two injured in accident during protest on Central Railway)

इस बीच सैंडहर्सट स्टेशन के पास पटरी पर पैदल चल यहे लोगों को सीएसएमटी की तरफ से आ रही लोकल ट्रेन रौंदते हुए आगे निकल गई।  इस अनपेक्षित हादसे में चार लोग घायल हो गए। घायलों को जेजे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने दो को मृत घोषित कर दिया। मृतकों का नाम एक अज्ञात पुरुष, 19 साल की हेली महामाया है। कैफ चौगुले (22) और खुशबू (45)  नामक घायल महिला का इलाज चल रहा है। करीब एक घंटे तक ट्रेनों का संचालन बंद होने से स्टेशनों पर अफरातफरी का माहौल रहा।

मुंब्रा में हुए हादसे में रेलवे पुलिस ने 2 इंजीनियरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसके विरोध में रेलवे कर्मचारियों की यूनियनें विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इसमें आज शाम NRUM की तरफ से मार्च निकाला गया, जिसके बाद लोकल ट्रेनें भी नहीं चलने दी गईं, मोटर मैन भी इसमें शामिल हो गए और लोकल ठप हो गई। सेंट्रल और हार्बर लाइन की लोकल ट्रेनें CSMT स्टेशन पर खड़ी रहीं। रेलवे प्रशासन रेलवे यूनियन से बात कर एक घंटे बाद ट्रेनें चलवाने के लिए तैयार कर लिया। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला की जानकारी के मुताबिक लोकल ट्रेनें शुरू हो गई हैं। आंदोलनकारियों से बात करने के बाद ट्रेनें शुरू कर दी गई हैं। स्वप्निल नीला ने बताया कि DRM और DM सर से बात करने के बाद यह विरोध प्रदर्शन रोक दिया गया।

9 जून को मुंब्रा स्टेशन के पास एक हादसा हुआ था। उस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई थी और 9 लोग घायल हुए थे। एफआईआर में कहा गया था कि उस स्थानीय हादसे का कारण रेलवे इंजीनियरों द्वारा बारिश से क्षतिग्रस्त हुए क्षेत्र पर समय पर काम न करना था। इस मामले में दो इंजीनियरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

यूनियन नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग 

रेलवे यूनियन के नेताओं द्वारा अचानक बुलाए गए आंदोलन के कारण दो यात्रियों की मौत के मामले में अब यात्रियों के साथ आम नागरिकों में आक्रोश फैल गया है। उनकी मांग है कि यूनियन के नेताओं पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।

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