सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को सुनाई दो साल की सजा, बाल-बाल बची सांसदी, 10 हजार के मुचलके पर मिली जमानत

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
सूरत. सूरत (Surat)की एक अदालत ने मोदी सरनेम (Modi Surname)मामले में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी(Rahul Gandhi) को दो वर्ष की सजा सुनाई है. अदालत ने उन्हें 10 रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी. इस सजा के खिलाफ अब वे उपर अदालत में याचिका दायर करेंगे. वायनाड (Vayanad MP)के सांसद राहुल गांधी की सांसदी जाने से बच गई. यदि एक और अधिक सजा मिलती तो उनकी सांसदी जा सकती थी. (Surat court sentences Rahul Gandhi to two years, MP narrowly escapes, gets bail on a bond of 10,000)
कोर्ट ने राहुल गांधी को सज़ा के ख़िलाफ़ ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिनों का समय दिया है. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में राहुल गांधी को अधिक से अधिक सज़ा दिए जाने की मांग की थी.
क्या है मामला
वर्ष 2019 में ‘मोदी सरनेम’ को लेकर उनकी एक टिप्पणी से जुड़ा हुआ है. राहुल गांधी मामले की सुनवाई राहुल गांधी की वकीलों की टीम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि वो किसी समुदाय को अपने बयान से ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे.
सजा के बाद राहुल गांधी ने किया ट्वीट
राहुल गांधी ने कथित तौर पर ये बयान दिया था, “कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?” गांधी के इस वक्तव्य के खिलाफ सूरत की अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया था. गुरुवार को सजा सुनाए जाने के समय वे कोर्ट में मौजूद थे. सजा के एलान के बाद राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के एक कथन को ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन.”
बोली कांग्रेस तानाशाह के खिलाफ बुलंद आवाज
कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी तानाशाह के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद कर रहे हैं और उन्हें ईडी, पुलिस, केस, सज़ा से डराने की कोशिश हो रही है.अब इस मामले में राहुल गांधी आगे अपील करेंगे. वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कथित तौर पर ये बयान 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक के कोलार में दिया था.उन्होंने कथित तौर पर ये कहा था कि “सभी चोरों का उपनाम (सरनेम) मोदी क्यों है?”राहुल गांधी के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज किया गया था. भारतीय दंड विधान की धारा 499 में आपराधिक मानहानि के मामलों में अधिकतम दो साल की सज़ा का प्रावधान है.सज़ा के एलान के बाद याचिकाकर्ता पुर्णेश मोदी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम इस फ़ैसले का दिल से स्वागत करते हैं. दो साल की सज़ा के एलान से खुश है या नहीं सवाल ये नहीं है. ये सामाजिक आंदोलन की बात है. किसी भी समाज, जाति के ख़िलाफ़ बयान नहीं दिया जाना चाहिए. और कुछ नहीं. बाकी हम अपने समाज में बैठकर आगे चर्चा करेंगे.
प्रियंका ने कहा राहुल के पीछे पूरी मशीनरी
गांधी के पास इस फ़ैसले को चुनौती देने के लिए 30 दिन का समय है.राहुल गांधी की वकीलों की टीम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि वो किसी समुदाय को अपने बयान से ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे.प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार की पूरी मशीनरी साम, दाम दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी की आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है. प्रियंका ने कहा कि उनके भाई कभी न डरे हैं और न कभी डरेंगे.
राहुल गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभी में मोदी उपनाम वालों को लेकर ये बयान दिया था.उस समय कांग्रेस अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, “चौकीदार 100 फ़ीसदी चोर है.”नरेंद्र मोदी ने बीते लोकसभा चुनावों में खुद को देश-जनता का “चौकीदार” बताकर प्रचार किया था.बात राफ़ेल विमान से जुड़े सौदे की थी. राहुल ने रैली में कहा था, “आपने 30,000 करोड़ रुपए चोरी किए और अपने दोस्त अनिल अंबानी को दे दिए. आपने 100 फ़ीसदी पैसे चुराए. चौकीदार चोर है. नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ललित मोदी, माल्या, अनिल अंबानी और नरेंद्र मोदी- चोरों का एक समूह है.”
इसके बाद राहुल ने तंज़ भरे अंदाज़ में कहा, “मेरा एक सवाल है. ये सारे चोरों के नामों में मोदी क्यों होता है, नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी? हम नहीं जानते ऐसे और कितने मोदी आएंगे. राहुल गांधी के इस बयान से मोदी सरनेम वाले आहत हुए थे.




