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अक्टूबर में हो सकते हैं महानगरपालिकाओं के चुनाव देवेंद्र फडणवीस ने दिए संकेत

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई महानगरपालिका सहित राज्य के 24 महानगरपालिकाओं का कार्यकाल फरवरी 2022 से खत्म हो गया है. (Municipal corporation Elections) महानगरपालिकाओं के चुनाव कब होंगे, इसको लेकर कयास लगाए जा रहे थे. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने मनपा चुनावों के लिए मुंबई पर फोकस करने का फैसला किया था. अब उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanavis) ने संकेत दिए हैं कि मनपा चुनाव अक्टूबर नवंबर में हो सकते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है, कोर्ट जब कहेगा तो चुनाव कराए जाएंगे. (Municipal elections may be held in October, Devendra Fadnavis indicated)
 थम चुकी होगी सहानुभूति की लहर 
उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद पूरे राज्य के साथ-साथ मुंबई में भी ठाकरे के प्रति सहानुभूति की लहर है. कर्नाटक के नतीजे आने के बाद महाविकास आघाड़ी की तीनों पार्टियों को मजबूती मिली है. कहा जा रहा है कि शिवसेना-बीजेपी अगले साल चुनाव कराने पर जोर दे रही है क्योंकि यह तय है कि अगर अभी चुनाव हुए तो हमें झटका लगेगा. शिवसेना भाजपा के नेताओं को लगता है कि जनवरी, फरवरी के बीच चुनाव कराने से महाविकास आघाड़ी और उद्धव ठाकरे के बीच सहानुभूति की लहर थम चुकी होगी. क्या उस समय चुनाव कराकर शिवसेना-भाजपा मुंबई मनपा पर अपना वर्चस्व स्थापित कर पाएगी? यह देखना महत्वपूर्ण होगा.
आघाड़ी सरकार ने बढ़ाई थी सीटों की संख्या 
आघाड़ी सरकार ने मुंबई की सीटों को 227 से बढ़ा कर 236 कर दिया था. कहा गया कि मुंबई में बढ़ी हुई जनसंख्या को देखते हुए वार्डों की संख्या में वृद्धि करना आवश्यक था. इसके मुताबिक नगरसेवकों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया था. महाविकास आघाड़ी के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई में वार्डों की संख्या बढ़ाकर 236 कर दी थी. जब शिंदे फडणवीस सरकार राज्य में आई, तो उन्होंने वार्डों की पुरानी संख्या बहाल कर दिया. वार्ड संख्या 236 से संशोधित कर 227 की गई. ठाकरे समूह के पूर्व नगरसेवक राजू पेडणेकर और समीर देसाई ने शिंदे फडणवीस सरकार के फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने रिट याचिका खारिज कर दी है.इसलिए वार्डों की संख्या को लेकर शिंदे फडणवीस सरकार का फैसला कायम रहेगा. पेडणेकर ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
   कोर्ट का फैसला आते ही चुनाव 
चुनाव आयोग को 227 वार्डों की संख्या के अनुसार वार्ड गठन और आरक्षण की प्रक्रिया को अंजाम देना होगा. इसमें कुछ समय लग सकता है.  सरकार ने कानून में संशोधन के माध्यम से राज्य में महानगरपालिकाओं और जिला परिषदों के संबंध में 4 अगस्त, 2022 के अध्यादेश में संशोधन किया है. उस बदलाव को चुनौती देने वाली एक याचिका भी हाईकोर्ट में लंबित है. ओबीसी आरक्षण का मामला भी हाईकोर्ट में लंबित है. हालांकि इन याचिकाओं के लंबित रहने के बाद भी फडणवीस ने संकेत दिए कि कोर्ट का फैसला आते ही चुनाव करा दिए जाएंगे.
 लोकसभा, विधानसभा चुनाव एकसाथ नहीं 
 फडणवीस ने पुणे में आज कहा कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव भी एकसाथ नहीं कराए जाएंगे. लोकसभा चुनाव के 6 महीने के बाद विधानसभा चुनाव का समय आता है, इसलिए दोनों चुनाव एकसाथ नहीं होंगे.

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