तलाक के मामले में पुर्तगाल सबसे आगे, जानिए सात जन्म तक साथ निभाने वाला भारत किस पायदान पर खड़ा है

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. पुर्तगाल दुनिया का ऐसा देश है जहां प्रति 100 शादियों में 94 लोग तलाक ले लेते हैं. यहां का रहन सहन और कानून इस इस प्रकार है कि कुछ शादियां तो एक सप्ताह भी नहीं टिकती. वर्ल्ड स्टैटिक्स ग्लोबल इंडेक्स के अनुसार पुर्तगाल के बाद स्पेन में डायवर्स रेट 85 प्रतिशत है. लक्जेमबर्ग का डायवर्स रेट 79 और भारत का दोस्त रूस में तलाक का रेट 73 प्रतिशत है. लेकिन सात जन्मों का साथ निभाने वाले भारत में डायवर्स रेट केवल 1 प्रतिशत है. (The divorce rate in Portugal is the highest in the world, know at what position India, which has been together for seven lives, stands)
इसका कारण सनातन धर्म की संस्कृति है. भारत में सनातन धर्मियों में होने वाला विवाह कांट्रेक्ट मैरिज नहीं होता है. यह विवाह के बाद बने संबंध मृत्यु तक निभाए जाते है. हमारे ॠषियों, मुनियों द्वारा विकसित वैज्ञानिक पद्धति और संस्कारों का परिणाम है कि भारत में विवाह वैदिक मंत्रों, अग्नि के सात फेरों के साथ लिए जाते हैं जो जन्मों तक निभाये जाते है. हमारे देश में संबंधों का आधार भी भरोसे पर टिका है. हालांकि अब आधुनिकता और पाश्चात्य के कारण बीते कुछ वर्षों में विवाह विच्छेद के मामले बढ़ रहे हैं.
जनसंख्या के मामले में भारत दुनिया के पहले स्थान पर पहुंच गया है. भारत बहुधर्मी देश है. भारत में इसाई और मुस्लिम धर्म में तलाक के मामले अधिक हैं. केंद्र सरकार की तीन तलाक नीतियों पर कानून लाने के बाद अब उन धर्मो में भी तलाक के मामले घटे हैं. हालांकि जोड़ों के आपसी मनमुटाव तलाक का कारण बन रहे हैं. जो तलाक हो भी रहे हैं उसमें भी कोर्ट में लंबी लड़ाई के बाद ही निर्णय लिया जाता है. कोर्ट भी जोड़ों को समझौता करने के लिए प्रेरित करता है. यही कारण है कि डायवर्स के मामले में भारत सबसे निचले पायदान पर खड़ा है.




