
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. हर साल मानसून के दौरान मुंबई में रेलवे पटरी सहित निचले इलाकों में पानी भर जाता है.(Dispute between Railway, BMC on drain cleaning) इसलिए मानसून से पहले सभी नालों की सफाई की जाती है. इस साल इन नालों की सफाई को लेकर बीएमसी और रेल प्रशासन के बीच विवाद पैदा हो गया है. हाल ही में बीएमसी और पश्चिम रेलवे के अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी. इस बैठक में रेलवे ने बीएमसी पर नालों की ठीक से सफाई नहीं करने का आरोप लगाया है.
मुंबई के उपनगरों में हर साल मानसून के मौसम में रिकॉर्ड बारिश होती है. भारी बारिश और उच्च ज्वार के कारण मुंबई के निचले इलाकों में बाढ़ आ जाती है. जगह जगह जलभराव होने के कारण ट्रेन सेवाएं बाधित हो जाती हैं. लोकल ट्रेनें बाधित होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसलिए, भारी बारिश के कारण रेल सेवाओं को बाधित होने से बचाने के लिए हर साल बीएमसी और रेलवे प्रशासन द्वारा प्री-मानसून कार्य युद्धस्तर पर किए जाते हैं.
उपनगरीय रेलवे लाइनों पर रेलवे सीमा के भीतर नाली की सफाई, पुलिया की सफाई की जाती है. वर्तमान में, मध्य और पश्चिम रेलवे लाइनों पर विभिन्न प्री-मानसून कार्य चल रहे हैं. इस काम की समीक्षा के लिए बीएमसी और रेलवे के अधिकारियों की नियमित बैठक शुरू हो गई है.
हाल ही में ड्रेनेज की सफाई को लेकर वेस्टर्न रेलवे और बीएमसी के अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी. इस बैठक में रेलवे ने बीएमसी प्रशासन से नालों की युद्धस्तर पर सफाई करने का अनुरोध किया है.रेलवे अधिकारियों ने समीक्षा कर ठेकेदारों से शेष कार्य तत्काल पूर्ण कराने का आग्रह किया है. फिलहाल नालों की सफाई के साथ विभिन्न स्थानों पर पंप लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. लेकिन नालों की सफाई ठीक से नहीं होने का ठीकरा रेलवे ने बीएमसी पर फोड़ा है. जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद पैदा हो गया है.




