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महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सत्ता आने पर RSS पर लगेगा प्रतिबंध, कांग्रेस ने मंजूर की आल इंडिया उलमा बोर्ड की मांग

कांग्रेस ने दिया मंजूर करने का आश्वासन

आईएनएस न्यूज

मुंबई. महाराष्ट्र चुनाव में मुस्लिमों का समर्थन पाने के लिए कांग्रेस ने ऑल इंडिया उलमा बोर्ड की 17 सूत्रीय उस मांग को मंजूर करने का आश्वासन दिया है जिसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के पत्र से महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आ गया है.इस पत्र को लेकर भाजपा ने कांग्रेस सहित महाविकास आघाड़ी दलों को घेर लिया है. (RSS will be banned if Mahavikas Aghadi comes to power in Maharashtra, Congress accepts the demand of All India Ulama Board)

ऑल इंडिया उलमा बोर्ड महाराष्ट्र के पत्र में महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों के अध्यक्ष कांग्रेस के नाना पाटोले, शिवसेना के उबाठा के उद्धव ठाकरे और एनसीपी एसपी के शरद पवार को संबोधित करते हुए कहा गया है कि यदि हमारी मांगों को स्वीकार किया जाता है तो हम महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी दलों को अपना समर्थन देने को तैयार हैं.

पत्र में मोदी सरकार द्वारा लाए गए वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ इंडिया आघाड़ी समर्थन देकर इस बिल को रद्द कराए. महाराष्ट्र में मुस्लिम समाज को शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में 10% आरक्षण,  राज्य के 48 जिलों में इनामी मस्जिद जमीन, दरगाह, कब्रिस्तान व अन्य संपत्तियों का विधानसभा में प्रस्ताव लाकर निधि देने,  महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के लिए सरकार की तरफ से 1000 करोड़ रुपए अनुदान देने , निर्दोष मुस्लिम पर 2012 से 2024 तक दर्ज मामले वापस लेने,  मुस्लिम लड़कों लड़कियों को पुलिस बल में भर्ती करने,  रामगिरी महाराज और नितेश राणे को जेल भेजने अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले से आल इंडिया उलमा बोर्ड को पत्र लिखकर उनकी मांगों को मान्य करने का आश्वासन दिया है.  पाटोले ने लिखा है कि आपकी 17 मांगों के बारे में निश्चित ऊं से योग्य कदम उठाया जाएगा.हालांकि 7 अक्टूबर 2024 को लिखे गए इस पत्र का खुलासा अब किया गया है. इससे महाराष्ट्र की राजनीति में वोट जिहाद के लिए प्रेशर टैक्टिस के तौर पर देखा जा रहा है. भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने उलमा बोर्ड के पत्र पर कांग्रेस द्वारा दिए आश्वासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं.

 

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