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HMPV नये वायरस को लेकर सरकार अलर्ट, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए दिशा निर्देश 

बेंगलुरु में मिला HMPV का पहला केस

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के फैलने को महाराष्ट्र सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है. भारत में इस वायरस का पहला केस बेंगलुरु में मिला है जहां 8महीने का बच्चा संक्रमित पाया गया है.
महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एचपीएमवी वायरस को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है. दिशा निर्देश में बताया गया है कि  ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) तीव्र श्वसन सिंड्रोम का एक प्रमुख कारण है. इस वायरस की खोज 2001 में सबसे पहले नीदरलैंड्स में हुई थी. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक सामान्य श्वसन वायरस है जो ऊपरी श्वसन नलिका में सूजन का कारण बनता है. (Government alert regarding HMPV new virus, Maharashtra health department issued guidelines)
 एक मौसमी बीमारी है जो आमतौर पर आरएसवी और फ्लू की तरह सर्दियों और गर्मियों की शुरुआत में चरम पर होती है. इस संबंध में डीजीएचएस और निदेशक, एनसीडीसी, दिल्ली ने 3 जनवरी, 2025 को एक बयान जारी किया है.
महाराष्ट्र में अब तक एचएमपीवी का कोई मरीज नहीं 
जन स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में श्वसन संक्रमण के आंकड़ों का विश्लेषण किया है. दिसंबर 2024 में 2023 के निचले स्तर से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. हालांकि, एहतियाती उपायों के हिस्से के रूप में, स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से श्वसन संक्रमण को रोकने के लिए क्या करें और क्या न करें के निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है.
संक्रमित होने पर यह करें 
–  खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रुमाल या टिशू पेपर से ढकें.
– अपने हाथ बार-बार साबुन और पानी या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइजर से धोएं.
– अगर आपको बुखार, खांसी और छींक आ रही है तो सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें.
– खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करें.
–  संक्रमण को कम करने के लिए सभी क्षेत्रों में पर्याप्त वेंटिलेशन सुनिश्चित करें.
यह बिलकुल न करें 
– किसी से हाथ न मिलाएं 
–  टिशू पेपर और नैपकिन को रीसायकल करें
– बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क न बनाएं 
–  आंख, नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें 
– सार्वजनिक स्थान पर थूंकने से परहेज करें 
–  डॉक्टर की सलाह के बिना दवा (स्वयं दवा) न लें 
चीन में फैले नए ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) की रिपोर्ट के संबंध में चिंता का कोई कारण नहीं है. इस संबंध में आवश्यक सावधानियां बरती जा रही हैं और डर का माहौल पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है. इस पृष्ठभूमि में, हमारे कार्यक्षेत्र में सर्वेक्षण में तेजी लाकर सर्दी-खांसी यानी सभी रोगियों की नियमित सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए.
डॉ. नितिन अंबाडेकर , स्वास्थ्य सेवा निदेशक, पुणे

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