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देशद्रोहियों ने पाकिस्तानियों के साथ मिलकर भारतीय व्यापारी को लगाई 325 करोड़ की चपत

जहाज में भरे माल को जिबूती के रास्ते भेजा कराची, शिकायत के बाद जांच में जुटी मुंबई पुलिस

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। देश में बैठे कुछ ठगों ने बिजनेस के नाम पर  कुछ विदेशियों के साथ मिल कर एक भारतीय व्यापारी को 325 करोड़ रुपए की चपत लगाने का मामला सामने आया है। व्यापारी की शिकायत पर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू की है। (Traitors in connivance with Pakistanis defrauded an Indian businessman of Rs 325 crore)

यह मामला मुंबई के शिपिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में 325 करोड़ रुपये से अधिक का एक बड़ा कॉरपोरेट घोटाले का है। पुलिस के अनुसार ॠषभ सीलिंक एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विशाल मेहता ने इस संदर्भ में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा(ईओडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराई है।  मेहता ने शिकायत में एएलएक्स शिपिंग एजेंसीज़ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (ऑलकॉर्गो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड की सहायक कंपनी), दुबई स्थित अलादीन एक्सप्रेस डीएमसीसी और ओईएल एक्सप्रेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 325 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए हैं। इन कंपनियों ने विशाल मेहता को निवेश के लिए यह आश्वासन दिया था कि उन्हें निश्चित मुनाफा मिलेगा। शुरुआती लेन-देन में भरोसा कायम किया गया, लेकिन बाद में नये सौदे के नाम पर करोड़ों रुपए ठग लिए गए। सबसे बड़ा घोटाला लीला मोमबासा और एक्सएक्सएच-2 नामक जहाजों से जुड़ा बताया गया है। लीला मोमबासा को 1 अगस्त 2025 को न्हावा शेवा पहुंचना था लेकिन यह 13 अगस्त को डॉक हुई और जिबूती जाने की बजाय ओमान भेज दी गई, जिसमें 130 करोड़ रुपए का माल भरा था। इसी दौरान 26 अगस्त को विशाल मेहता से कथित तौर पर 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की जबरन वसूली की गई। आरोप है कि एएलएक्स और अलादीन एक्सप्रेस के अधिकारियों ने कहा कि जहाजों को आगे बढ़ाने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। भुगतान के बाद भी जहाज समय पर नहीं पहुंचे।

लीला मोमबासा 15 सितंबर को जिबूती पहुंची, जबकि शिन शिन हाई -2 को जेद्दा से कराची मोड़ दिया गया और 10 दिन तक रोके रखा गया। 290 करोड रुपए से अधिक मूल्य का माल अभी भी आरोपियों के नियंत्रण में है और निर्यातकों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। विशाल मेहता का कहना है कि यह एक सुनियोजित कॉरपोरेट साजिश है जिसमें भारतीय और विदेशी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

शिकायत में एएलएक्स शिपिंग एजेंसीज़ इंडिया, ऑलकॉर्गो लॉजिस्टिक्स,अलादीन एक्सप्रेस और ओईएल एक्सप्रेस इंडिया के साथ-साथ उनके शीर्ष प्रतिनिधियों के नाम दर्ज किए गए हैं, जिनमें संदीप बक्शी, रवि जाखर, विकस खान, अली खान, विंग किट त्सोई , अब्दुल्ला और मोहम्मद रिज़वान शेख शामिल हैं। ॠषभ सीलिंक एंड लॉजिस्टिक्स के निदेशक विशाल मेहता ने कहा कि यह सिर्फ़ एक कंपनी का मामला नहीं है बल्कि भारत की शिपिंग और लॉजिस्टिक्स उद्योग की विश्वसनीयता का सवाल है। हमारी शिकायत में सभी तथ्य अधिकारियों के सामने रखे गए हैं। ईओडब्ल्यू सूत्रों ने बताया कि इस मामले में प्रारंभिक जांच दर्ज कर ली गई है और जिन-जिन पर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

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