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मनपा शिक्षा विभाग अधिकारियों का कारनामा, भांडुप स्कूल को 11 साल बाद अवैध रूप से दी आरटीई मंजूरी
मनपा शिक्षा निदेशालय का मनपा आयुक्त को निर्देश, भ्रष्ट अधिकारियों की करें जांच

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. एक नामांकित आईएस संस्था के भांडुप स्कूल को 11 साल बाद अवैध रूप से आरटीई को मंजूरी देने वाले बीएमसी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जांच करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने मनपा आयुक्त को निर्देश दिया है. (Act of Municipal Education Department officials, illegal RTE approval given to Bhandup School after 11 years)
दादर हिंदू कॉलोनी में एक प्रसिद्ध आईएस संस्थान इंग्लिश मीडियम के भांडुप स्थित प्राइमरी स्कूल बिना आरटीई की मंजूरी के चलाया जा रहा था जिसकी शिकायत नितिन दलवी ने की थी. राज्य सरकार ने मुंबई मंडल शिक्षा उप निदेशक को कार्रवाई करने का आदेश दिया था. लेकिन मनपा शिक्षा अधिकारी द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की रिपोर्ट उप निदेशक ने शिक्षा आयुक्त और प्राथमिक शिक्षा निदेशक को एक रिपोर्ट भेज कर सूचित किया था.
नितिन दलवी ने बताया कि स्कूल को अवैध तरीके से 2022 से 2025 तक सीधे आरटीई की मंजूरी प्रदान कर दी गई. दलवी ने बीएमसी शिक्षा अधिकारी राजू तड़वी से शिकायत की कि स्कूल को अवैध तरीके से मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई करें और अवैध तरीके से इस स्कूल को दी गई मंजूरी रद्द करें लेकिन कुछ नहीं हुआ. कोई कार्रवाई नहीं होने पर दलवी ने शिक्षा विभाग में शिकायत की और नतीजा यह हुआ कि शिक्षा निदेशक शरद गोसावी ने मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल को कार्यवाही कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देना पड़ा.
महाराष्ट्र राज्य विद्यार्थी पालक शिक्षक महासंघ के नितिन दलवी का कहना है कि कानून के मुताबिक 2013 से 2016 तक देश के सभी स्कूलों को पहले आरटी मंजूरी लेनी जरूरी थी और उस मंजूरी को हर 3 साल में रिन्यू कराना अनिवार्य था, लेकिन इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल भांडुप का आईएस संस्था को पहली बार नहीं मिली मंजूरी यह बेहद गंभीर मामला है कि 11 साल से बिना आरटीई मंजूरी के स्कूल चल रहा है, नितिन दलवी की शिकायत और सरकार के आदेश को नजरअंदाज करते हुए मनपा शिक्षा अधिकारी राजू तड़वी और 3 अधिकारियों ने बिना किसी कार्रवाई या जुर्माने के सीधे 2022 से 2025 तक की स्कूल को आरटीई की मंजूरी दे दी. इससे साफ पता चलता है कि इस स्कूल के प्रशासन के साथ मिलीभगत की गई है और नतीजों की परवाह किए बिना मंजूरी दे दी गई है.
मुंबई डिवीजन में 2013 से 2016 तक बिना आरटीई मंजूरी के 218 स्कूलों की अभी भी जांच चल रही है, लेकिन तथ्य यह है कि 11 साल से आरटीई मंजूरी के बिना स्कूल चल रहे हैं, यह बहुत गंभीर मामला है और ऐसे स्कूलों को 2022 से 2025 तक बिना कार्रवाई किए सीधे आरटीई मंजूरी देना और भी गंभीर है, इसमें यह स्पष्ट है कि स्कूल प्रशासन और बीएमसी शिक्षा विभाग ने आरटी अधिनियम में उल्लिखित 19 शर्तों का पालन करने में लापरवाही की है, छात्र सुरक्षा का मुद्दा उठता है, इससे पता चलता है कि बीएमसी शिक्षा विभाग का आरटीई अधिनियम के कार्यान्वयन पर कोई नियंत्रण नहीं है, शिक्षा विभाग ने बीएमसी शिक्षा विभाग का पूर्ण ऑडिट किया है. नितिन दलवी की मांग है कि स्कूल प्रशासन और बीएम को सभी पूर्व शिक्षा अधिकारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए इस बात की जांच करके कि कितने स्कूल अभी भी इस तरह से चल रहे हैं.