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महाराष्ट्र में कक्षा एक से हिंदी की पढ़ाई अनिवार्य, राज ठाकरे का पारा हुआ गर्म

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। दक्षिण भारत के राज्यों में हिंदी विरोध के बीच महाराष्ट्र सरकार ने अब मराठी और अंग्रेजी के साथ कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को भी अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से अर्थात इसी वर्ष से प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। हिंदी अनिवार्य किए जाने पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अध्यक्ष राज ठाकरे का पारा गर्म हो गया है। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह फरमान स्वीकार नहीं किया जाएगा। (Hindi study made compulsory from class one in Maharashtra, Raj Thackeray got angry)

नई नीति के अनुसार अब पहली कक्षा से मराठी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भी अनिवार्य कर दी गई है। नई शिक्षा नीति के अनुसार, स्कूली पाठ्यक्रम में भाषा संवर्धन को विशेष महत्व दिया गया है और कक्षा 1 से 5 तक तीन भाषाएं – मराठी, अंग्रेजी और हिंदी अनिवार्य होंगी।

चरणबद्ध तरीके से लागू होगी हिंदी 
2025-26 कक्षा 1
2026-27 कक्षा 2,3,4 और 6
2027-28 कक्षा 5,7,9 और 11
2028-29 कक्षा 8,10 और 12

महाराष्ट्र के कुछ स्कूलों में अब तक दो भाषाएं पढ़ाई जाती थीं, लेकिन नीति के तहत अब छात्रों को अनिवार्य रूप से तीन भाषाएं पढ़ाई जाएंगी। सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, महाराष्ट्र के कुछ स्कूलों में तीनों भाषाएं अनिवार्य रूप से पढ़ाई जाएंगी। अंग्रेजी और मराठी के साथ अब हिंदी भाषा भी अनिवार्य कर दी गई है।

नई शिक्षा नीति के अनुसार, महाराष्ट्र में अब 5+3+3+4 एकीकृत पाठ्यक्रम होगा। पाठ्यक्रम को चार चरणों में विभाजित किया गया है। पहले पांच वर्ष (3 वर्ष प्री-प्राइमरी और कक्षा 1, 2) आधारभूत स्तर के होंगे। इसके बाद, कक्षा 3 से 5 तक प्रारंभिक स्तर होगा। शैक्षिक संरचना इस प्रकार होगी: पूर्व-माध्यमिक स्तर: आयु 11 से 14 – कक्षा 6, 7 और 8, माध्यमिक स्तर: आयु 14 से 18 – कक्षा 9 से 12 तक हिंदी पढ़ाई जाएगी।

नये पाठ्यक्रम के अनुसार, अब महाराष्ट्र राज्य शिक्षा बोर्ड की पुस्तकें एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित होंगी। सामाजिक विज्ञान और भाषा जैसे विषयों में राज्य के स्थानीय संदर्भ को शामिल किया जाएगा और उनमें आवश्यक शोध भी किया जाएगा। कक्षा 1 के लिए पाठ्य पुस्तकें बाल भारती द्वारा तैयार की जाएंगी।

इस नीति के अनुसार बुनियादी साक्षरता, अनुभवात्मक शिक्षा, मूल्य आधारित पाठ्यक्रम, समग्र मूल्यांकन और शिक्षक प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा। राज्य शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय समिति ने इन पाठ्यक्रम योजनाओं को मंजूरी दे दी है।

पहली कक्षा से हिंदी शिक्षा अनिवार्य किए जाने पर राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में इसे किसी भी हालत में लागू नहीं होने दिया जाएगा। सब जगह हिंदी थोपी जा रही है। हिंदी कोई राजभाषा नहीं है। देश की अन्य भाषाओं की तरह ही यह एक भाषा है। महाराष्ट्र में इसे क्यों पढ़ाया जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि तुम्हारे त्रिभाषाई सूत्र को सरकारी कामकाज तक सीमित रखें। इसे शिक्षा तक मत लाएं। राज्यों का गठन भाषा के आधार पर किया गया है। महाराष्ट्र में हिंदी लागू करने के बाद यदि संघर्ष हुआ तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। अभी हाल ही में बैंकों में हिंदी बोलने को लेकर मनसे कार्यकर्ताओं ने की बैंकों में हिंदी बोलने अधिकारियों के साथ मारपीट की थी।

 

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