एक महीने तक फ्रीज में रखा लड़की की खोपड़ी
सर्जरी के बाद जी रही सामान्य जीवन
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Brain Surgery: मुंबई. ब्रेन सर्जरी, ब्लड ट्रांसफ्यूजन और 1 महीने के वेंटिलेटर सपोर्ट के बाद 22 साल की लड़की अब सामान्य जीवन जीने लगी है. यह कहानी एक नृत्यांगना की है. 22 वर्षीय अर्चना का सामाजिक जीवन बहुत सुखी तरीके से बीत रहा था. वह नासिक में एक नर्तकी और मेकअप आर्टिस्ट के रूप में एक सामान्य जीवन जी रही थी. उसे कभी-कभी सिरदर्द और चक्कर आते थे, जिस के लिए वह आराम के लिए दवाएं लेती थी जिससे लक्षणों से राहत मिलती थी.
एक दिन वह अपने एक नृत्य प्रदर्शन के दौरान बेहोश हो गई और सिर में किसी भी तरह की चोट से बचने के लिए उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. नियमित ब्रेन इमेजिंग की गई जिससे उसके मस्तिष्क के मध्य भाग में एक बड़े ब्रेन ट्यूमर का पता चला. उसे गंभीर सिरदर्द और उल्टी के अलावा दृष्टि संबंधी समस्याएं और चलने में कठिनाई होने लगी. उसका जीवन ठहर सा गया था. सभी स्थानीय अस्पतालों ने ट्यूमर की जटिलता के कारण किसी भी प्रकार की सर्जरी करने से इनकार कर दिया था.
उसके बाद उसे सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन (Sir HN Reliance)अस्पताल रेफर कर दिया गया. इस तरह की सर्जरी अपेक्षा से अधिक जटिल होती है. सर्जरी के समय बहुत अधिक खून बहने की संभावना होती है क्योंकि ट्यूमर में रक्त की आपूर्ति बहुत अधिक थी. अर्चना का मस्तिष्क सूज गया था और रक्तस्राव भी बढ़ गया था. डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद मस्तिष्क के अंदर दबाव को दूर करने के लिए उसकी खोपड़ी की हड्डी को खोल कर एक महीने के लिए फ़्रीज़ में संरक्षित किया. एक महीने के वेंटिलेटर और रक्त आधान के बाद वह एक तरफा पक्षाघात के साथ होश में आई. उस की कमजोरी में धीरे-धीरे सुधार हुआ और सुधार के बाद डॉक्टरों ने वह खोपड़ी की हड्डी वापस उसकी खोपड़ी में फिक्स कर दिया. हड्डी खोपड़ी में जुड जाने के बाद अर्चना अब नियमित जीवन जी रही है और नृत्य भी करने लगी है.
डॉक्टरों के अनुसार, उसकी सकारात्मकता और मानसिक शक्ति प्रशंसनीय थी, जिसने उस के ठीक होने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. यह सर्जरी डॉ विवेक अग्रवाल, न्यूरोसर्जन, सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल और उनकी टीम ने की थी.