प्रयागराज महाकुंभ मेला में पहुंचे तीन सिरों वाले गजराज, श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर किया स्वागत

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज. 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले प्रयागराज महाकुंभ मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. यह मेला 50 दिन चलेगा. इस महाकुंभ में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. महाकुंभ मेला आस्था, आध्यात्म, मोक्ष के अलावा अलौकिक और अनोखी कृतियों के लिए भी प्रसिद्ध हैं. वर्षों से गुफाओं और वनों में लोगों की नजरों से दूर रहने वाले तपस्वी भी महाकुंभ में पहुंचते हैं. बुधवार को प्रयागराज में तीन मुख वाले गजराज भी पधारे हैं. त्रिमुखी गजराज के देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर अनोखे गजराज का स्वागत किया. (Three-headed elephant arrived at Prayagraj Maha Kumbh Mela, devotees welcomed him by showering flowers)
एक श्रद्धालु ने कहा कि त्रिमुख वाले गजराज को देख कर सहसा विश्वास ही नहीं हुआ. पहले हम समझे कि दो मुंह नकली हो सकते हैं लेकिन तीनों सूंड बाकायदा फल ग्रहण कर रहे थे. ऐसा लगा कि मानों भगवान गणेश प्रकट हो गए हैं.
प्रयागराज महाकुंभ मेला शुरू होने में अभी 11 दिन शेष हैं लेकिन बड़ी संख्या में अखाड़े पहुंच कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. यहां पर बचे हुए कार्य तेजी से किए जा रहे हैं. पूरे मेले में प्रकाश की अद्भुत व्यवस्था की जा रही है, घाटों की संख्या भी दोगुनी कर दी गई है.
कल्पवासियों की भीड़ भी धीरे धीरे जुटने लगी है. कल्पवासी अगले 50 दिनों तक गंगा में स्नान करने के बाद यहां के साधू संत, शंकराचार्यों और प्रवचन कर्ताओं के प्रवचन का लाभ प्राप्त करते हैं. अनोखे साधू संत का आगमन शुरू हो गया है. संत राधेपुरी पिछले 14 वर्षों से अपना एक हाथ उपर उठाए हुए हैं. घोड़े वाले बाबा से लेकर सोने हीरों से लदे बाबा भी आकर्षक का केंद्र रहेंगे. अनाज बाबा, एनवायरमेंट बाबा, सिलेंडर बाबा भी यहां पहुंचे चुके हैं. जूना अखाड़ा, नागा साधुओं का पूरा दस्ता प्रयागराज में विराजमान हो चुका है. महाकुंभ में लोग गजराज ही नहीं साधू संतों, बाबाओं के अनोखे करतब देख कर तृप्त हो जाएंगे.