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इस उद्योगपति ने कहा हम खोलेंगे मेडिकल कॉलेज

यूक्रेन में फंसे छात्रों की परेशानी से पिघला दिल

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

दिल्ली. यूक्रेन के मेडिकल की पढ़ाई करने गये छात्रों के युद्ध के बीच फंसने और भारत सरकार से बचाने की अपील पर देश के एक बड़े उद्योगपति का दिल पिघल गया है. उद्योगपति ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने अपने सीईओ से देश में मेडिकल कॉलेज खोलने पर विचार करने के लिए कहा है जिससे यूक्रेन जैसी सस्ती पढ़ाई का लाभ मिल सके.

उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा कि वे अब मेडिकल कॉलेज खोलने का विचार कर रहे हैं. उन्होंने टेक महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ सीपी गुरनानी को इस पर काम करने को कहा है. आनंद ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं थी कि देश में मेडिकल कॉलेजों की इतनी दिक्कत है. उन्होंने आगे लिखा, ‘सीपी गुरनानी, क्या हम महिंद्रा विश्वविद्यालय के कैंपस में मेडिकल की पढ़ाई वाला इंस्टीट्यूट खोलने पर विचार कर सकते हैं.

बता दें आनंद महिंद्रा का ट्वीट ऐसे वक्त में आया है. जब हजारों भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स यूक्रेन में फंसे हैं. उन्हें वहां से सकुशल लाने के लिए सरकार ने ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या कम और प्राइवेट कॉलेजों में महंगी फीस के कारण हर साल भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं. एक आंकड़े के मुताबिक यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स हैं. इसके अलावा चीन में 23 हजार और रूस में करीब 16,500 ,फिल्लीपीन 15,000, किर्गिस्तान 10,000, जार्जिया 7500,बांग्लादेश 5200, कजाकिस्तान 5100, पोलैंड 4000, आर्मेनिया 3000 भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे है. कम मार्क्स और मेडिकल कॉलेजों में तगड़ी फीस के कारण जो छात्र देश में पढ़ाई नहीं कर सकते वे यूक्रेन, रूस और चीन का रुख करते हैं. भारत में कंपटीशन के कारण ज्यादातर छात्र नीट इंट्रेंस ही नहीं निकाल पाते. उनके लिए भारत में एमबीबीएस करना दिवास्वप्न हो जाता है.

16 लाख छात्रों ने दी नीट की परीक्षा

नेशनल मेडिकल कमीशन के अनुसार भारत में लगभग 605 मेडिकल कॉलेज हैं. जिसमें एमबीबीएस की 90,825 सीट हैं. इन सीटों पर दाखिले के लिए साल 2021 में लगभग 16 लाख उम्मीदवारों ने नीट की परीक्षा दी थी. करीब 97% बच्चों को मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिल पाता है. इस कारण छात्रों को यूक्रेन, रूस, चीन, बेलारूस, जॉर्जिया, अर्मेनिया आजि देशों में पढ़ने जाना पड़ता है. इन देशों में भारत के निजी कॉलेजों के मुकाबले फीस बहुत कम है. भारत में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 60 से 70 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं जबकि इन देशों में 15 से 20 लाख रुपये में पढ़ाई पूरी हो जाती है. आनंद महिंद्रा के ट्वीट के बाद कई यूजर्स ने इसे अच्छा कदम बताया. एक ने फीस कम रखने की बात की जिस पर आनंद महिंद्रा ने कहा कि वे इसका ध्यान रखेंगे.

 

 

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