स्थानीय निकाय चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख
मध्य प्रदेश सहित सभी राज्यों को दो सप्ताह में चुनाव तारीख घोषित करने का आदेश

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली. महाराष्ट्र के 12 महानगरपालिका और जिला परिषद सहित स्थानीय निकाय चुनाव को लंबा खींचने में लगी महाराष्ट्र सरकार को भी जल्द ही चुनाव कराने होंगे. महाराष्ट्र सरकार, मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव टाले जाने का हवाला देकर राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव टाल रही थी. अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court’s strong stand on local body elections)ने मध्य प्रदेश सहित सभी राज्यों को दो सप्ताह के भीतर चुनाव तारीख घोषित करने का आदेश दिया है.
स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सरकारों के लचर रवैए पर सुप्रीमकोर्ट का रुख कड़ा हो गया है. इससे संभावना व्यक्त की जा रही है कि महाराष्ट्र में भी जल्द चुनाव की तिथि घोषित की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चुनाव आयोग दो सप्ताह के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी करे. कोर्ट ने कहा कि ओबीसी आरक्षण की शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं दिया जा सकता.
मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग ने आरक्षण दिए जाने संबंधी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी, जिसमें ओबीसी को 35 प्रतिशत रिजर्वेशन देने की बात कही गई थी. मध्य प्रदेश सरकार कोर्ट से कहा था कि त्रिस्तरीय चुनाव कराने के कोर्ट के दिशा-निर्देश का पालन करने को तैयार है. हालांकि कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए अध्ययन कराने के आदेश दिए थे. राज्य सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग गठित कर अध्ययन कराया और मतदान सूची की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें कहा गया कि राज्य में 48 प्रतिशत ओबीसी मतदान हैं.
इम्पिरिकल डाटा जमा करने में फेल
महाराष्ट्र सरकार अभी तक सुप्रीम कोर्ट में इम्पिरिकल डाटा पेश करने में नाकाम रही है. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य सरकार चुनाव आयोग को भी दो सप्ताह के भीतर चुनाव की तारीख घोषित करने का आदेश दिया था लेकिन राज्य के मंत्रियों के बयान से समझा जा सकता है कि वे चुनाव सितंबर तक चुनाव टालने के मूड में हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद महाराष्ट्र सरकार को ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.




