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मनपा आयुक्त चहल को निलंबित करने ठाकरे ने लिखा राज्यपाल को पत्र

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. अंधेरी के गोखले ब्रिज ( Gopal Krishna Gokhle bridge Andheri) और उससे जुड़े बर्फीवाला ब्रिज के बीच की ऊंचाई में 2.5 मीटर का अंतर आने के बाद बीएमसी आयुक्त की हर तरफ आलोचना हो रही है. पूर्व मंत्री और वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे ने इस पुल के पुनर्निर्माण की विफलता के लिए जिम्मेदार मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल और संबंधित रेलवे अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है. बीएमसी अधिकारियों की मामूली गलती के कारण ब्रिज पर अब 80 से 100 करोड़ रुपए अधिक खर्च होंगे.  (Thackeray wrote a letter to the Governor to suspend Bmc Commissioner Chahal)

 मुंबई में 3 जुलाई 2018 को अंधेरी में गोपाल कृष्ण गोखले पुल का एक हिस्सा गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी. इस ब्रिज का रिपेयर मनपा द्वारा कराया गया था. ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद  20 अप्रैल 2020 को पुनर्निर्माण का आदेश दिया गया.  पुनर्निर्माण का कार्य 15 मार्च, 2021 को शुरू हुआ. तीन साल के बाद ब्रिज का एक हिस्सा यातायात के लिए खोल दिया गया है. लेकिन बर्फीवाला ब्रिज और नया गोखले पुल के जुड़ने वाले स्थान पर दोनों ब्रिजों की ऊंचाई में 2 मीटर से अधिक का अंतर आने से वाहनों का आवागमन होना कठिन हो गया है. ऊंचाई मे अंतर की  समस्या के समाधान के लिए मनपा वीरमाता जीजाबाई टेक्निकल इंस्टीट्यूट (वीजीटीआई) से सलाह मांगी है.
   इसे लेकर राज्य के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे आक्रामक हो गए हैं और उन्होंने सीधे राज्यपाल बैस को पत्र भेज कर मनपा और रेलवे प्रशासन द्वारा गोखले ब्रिज का पुनर्निर्माण देश के लिए शर्मनाक है. फिर भी दोनों प्रशासन एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. इसलिए मनपा आयुक्त चहल, जिनकी इस प्रोजेक्ट में मुख्य जिम्मेदारी है, उन्हें और रेलवे के संबंधित अधिकारियों के निलंबन के आदेश जारी करें जिससे वे परियोजना के साथ छेड़छाड़ न कर सकें और करदाताओं के करोड़ों पैसे बर्बाद करने के लिए निष्पक्ष जांच का सामना कर सकें.
 ठाकरे ने लिखा है कि गोखले ब्रिज नेताओं-अधिकारियों-ठेकेदारों की मिलीभगत का ज्वलंत उदाहरण है. जहां स्थानीय विधायक समेत अधिकारियों ने कई बार निर्माणाधीन ब्रिज का दौरा किया. क्या उन्हें इन दौरों में खामियां नज़र नहीं आईं? कि यह खामी जानबूझकर पैदा की गई है. ताकि अब एक और पुल को तोड़कर दोबारा बनाया जा सके? उन्होंने ऐसा सवाल उठाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

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