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बाबुलनाथ मन्दिर के शिवलिंग में दरार, ट्रस्ट ने जलाभिषेक पर लगाई पाबंदी

350 वर्ष पुराना है शिवमन्दिर ,

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुंबई के बाबुलनाथ स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर  (BabulNath Shive Mandir) के शिवलिंग में दरार आने के मंदिर ट्रस्ट ने शिवलिंग के जलाभिषेक ( (Jalabhishekh) पर रोक लगा दी है.(Crack in Shivling of Babulnath temple, Trust bans Jalabhishek)

350 वर्ष पुराने इस मंदिर का बारहवीं शताब्दी में निर्माण किया गया था. यहां स्वयं भू शिवलिंग पाए जाने के बाद 1780 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था. मार्च 2020 में मुंबई में कोरोना फैलने के बाद सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया था. कोरोना संक्रमण खत्म होने के उपरांत मंदिर में पूजा अर्चना शुरू की गई थी.

मंदिर में दूध व अन्य अभिषेक प्राचीन काल से ही बंद हो. उसके बाद भी पुजारियों ने देखा कि शिवलिंग खराब हो रहा है. इसलिए मंदिर स्थल पर आईआईटी मुंबई से शिवलिंग का सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया गया. इसके अनुसार आईआईटी से सर्वे का काम चल रहा है और जल्द ही मंदिर प्रशासन को रिपोर्ट दी जाएगी. मंदिर में कोरोना के समय से ही दुग्धाभिषेक आदि बंद है.

मंदिर प्रशासन के ध्यान में आया कि दस महीने से रसायनों युक्त पदार्थ सेइ अनुष्ठान करने से शिवलिंग खराब हो रहा है. इसके बाद मंदिर ट्रस्ट ने आईआईटी बॉम्बे से सर्वे कराने का फैसला किया. आईआईटी ने कहा है कि शिवलिंग में दरार है. इसी के चलते अब इस शिवलिंग के अभिषेक पर रोक लगा दी गई है.

बाबुलनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था है. मंदिर प्रशासन ने बताया है कि वे शिवलिंग को लेकर संवेदनशील हैं और इसके संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.  इससे पहले भी 1 मार्च 2023 को अबीर, चंदन और दूध वाले केमिकल से बाबुलनाथ मंदिर का शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो गया था.  मंदिर ट्रस्ट आईआईटी बॉम्बे की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. रिपोर्ट में शिवलिंग के संरक्षण को लेकर जो भी सुझाव दिए जाएंगे, उन पर ट्रस्ट चर्चा कर निर्णय लेगा.

मंदिर ट्रस्ट ने शिव भक्तों से अपील की है कि दर्शन के लिए आते समय मंदिर ट्रस्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें. वर्तमान में मंदिर में दूध अभिषेक की अनुमति नहीं है. श्री बाबुलनाथ मंदिर चैरिटेबल सोसाइटी के अध्यक्ष नितिन ठक्कर ने बताया कि कोरोना के समय से ही मंदिर में दूध का अभिषेक बंद कर दिया गया है. 8 से 10 महीनों के बाद, मंदिर के पुजारियों को एहसास हुआ कि रसायनों के साथ अनुष्ठान के कारण शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो रहा था. बाबुलनाथ मुंबई का सबसे पुरातन शिव मंदिर है.

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