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अपोलो फार्मेसी का फर्जीवाड़ा
बिना लाइसेंस के बेचे बीपी मॉनिटरिंग डिवाइस

एफडीए ने दर्ज की एफआईआर
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने बिना लाइसेंस के बल्ड प्रेशर मापने वाला उपकरण बेचने वाले अपोलो फार्मेसी (Apollo Pharmacy and Conceptreneur Ventures) और गोवंडी के कांसेप्ट्रनेचर वेंचर पर छापा मारकर 10 लाख रुपए का उपकरण जब्त किया है. बिना लाइसेंस बीपी मॉनिटर ( Blood Pressure Monitor) उपकरण बनाने के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज किया है.
एफडीए को सूचना मिली थी कि मेसर्स कॉन्सेप्टट्रेनर
वेंचर्स प्रा. लिमिटेड गोवंडी आवश्यक विनिर्माण लाइसेंस के बिना बीपी मापक उपकरण बेच रहे हैं. मुंबई एफडीए कार्यालय के अधिकारियों ने छापा मारा
शाह इंडस्ट्रियल एस्टेट, देवनार, गोवंडी में स्थित परिसर में छापा मार कर बड़ी मात्रा में उपकरण जब्त किए है. एफडीए अधिकारी ने बताया कि लाइसेंस के बिना उपकरण का निर्माण किया जा रहा था.
एफडीए अधिकारियों ने 10.35 लाख रुपये मूल्य के उपलब्ध स्टॉक जब्त कर लिया. कंपनी पर
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 की धारा 18 आईसी का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. बेचे गए स्टॉक अपोलो फार्मेसी से वापस मंगाए गए हैं.
डिवाइस को अपोलो ने बनाया ब्रांड
डिवाइस को चीनी कंपनी न्यू एरा कॉरपोरेशन से बिना आयात लाइसेंस के एक समझौते के तहत आयात किया गया था. कॉन्सेप्टट्रेनर वेंचर्स अपोलो फार्मेसी इसे अपने ब्रांड के तौर पर बेच रही थी. उपकरण का निर्माण पूरी तरह से स्वचालित अपर आर्म स्टाइल ब्लड प्रेशर मॉनिटर जो अपोलो फार्मेसी का एक ब्रांड है, 82,510 यूनिट के आसपास निर्मित कर बेचा गया. कोविड-19 महामारी के दौरान बड़ी संख्या में यह बी.पी. मॉनिटर का निर्माण और बिक्री इस फर्म द्वारा बिना किसी गुणवत्ता परीक्षण के की गई थी.
गुणवत्ता जांच के बिना बेचे हजारों बीपी डिवाइस
एफडीए अधिकारी के अनुसार यदि रक्तचाप मापने वाला यंत्र दोषपूर्ण है, तो यह रोगी के शरीर को प्रभावित कर सकता है. उपचार और गलत निदान के कारण रोगी के स्वास्थ्य के लिए लिए जोखिम पैदा कर सकता है. चूंकि फर्मों ने गुणवत्ता जांच और बिना लाइसेंस के चिकित्सा उपकरणों का निर्माण कर उसे बेचा है इसलिए इन पर आईपीसी की धारा 420 और 34 के तहत भी गोवंडी पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की गई है. गोवंडी पुलिस आगे की जांच कर रही है.