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ज्ञानवापी में पहले दिन का सर्वे खत्म

कोर्ट कमिश्नर के साथ भीतर गई थी सपेरों की टीम

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

वाराणसी. कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masque) का सर्वे (Survey) करने पहुंचे कोर्ट कमिश्नर ने पहले दिन के सर्वे का खत्म कर बाहर निकल आये.  पहले दिन मस्जिद के चार तहखानों को खोला गया. सर्वे के समय वादी और प्रतिवादी के वकील भी मौजूद थे. तहखानों का सर्वे करने से पहले वहां सांपों की मौजूदगी होने की आशंका के चलते सपेरों को भी भीतर ले जाया गया था. हालांकि इस दौरान वहां कोई सांप नहीं दिखा.

तीन घंटे चले सर्वे के बाद बाहर निकले कोर्ट कमिश्नर और अधिवक्ताओं ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. पुलिस ने सभी को अपनी गाड़ियों में बैठा कर वापस चली गई,  वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सर्वे का काम कल भी चलता रहेगा. सर्वे करने गई टीम में कुल 52 सदस्य थे. तहखानों में लगे तालों में जंग लग गया था इसलिए ताले नहीं खुले.

पहले दिन चार तहखानों का सर्वे किया गया. सभी के तालों को तोड़ना पड़ा. ताला तोड़ कर ही सर्वे की टीम भीतर दाखिल हुई. इससे पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सर्वे करने का विरोध किया था. कोर्ट के सख्त आदेश के सामने सभी को झुकना पड़ा. पुलिस का तगड़ा सुरक्षा इंतजाम किया गया था. सभी सुबह 7.30 बजे ज्ञानवापी के गेट 4 के सामने जमा हुए थे. सुबह 8 बजे से सर्वे का काम शुरु हुआ था.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ज्ञानवापी मस्जिद का मामला

इस बीच ज्ञानवापी मस्जिद- श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में सर्वे के आदेश का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हुजैफा अहमदी ने अंजुमन इंतजामिया की तरफ से याचिका दाखिल कर वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने और वस्तुस्थिति को बनाए रखने की निर्देश देने की मांग की.

इस याचिका की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया एनवी रमना ने वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से फ़िलहाल इनकार कर दिया और कहा कि पहले पेपर्स देखूंगा फिर आदेश पारित करूंगा.
अधिवक्ता अहमदी ने याचिका में कहा कि वाराणसी में एक ऐसी संपत्ति के सर्वे का आदेश कोर्ट द्वारा दिया गया है जो प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट के तहत संरक्षित है. अब कोर्ट ने कमिश्नर के माध्यम से सर्वे का आदेश दिया है.

अहमदी ने कोर्ट से मांग की कि वस्तुस्थिति को बनाए रखने का आदेश दिया जाये. जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम देखते हैं. उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले से अवगत नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने पेपर्स नहीं देखें हैं. मैं कुछ भी नहीं जानता, मैं कैसे आर्डर पास कर सकता हूं. पहले मैं पेपर देखूंगा, पढूंगा और फिर आर्डर दूंगा.
जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते कर सकती है. फ़िलहाल आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई है. वाराणसी की सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के चप्पे-चप्पे की वीडियोग्राफी करने और 17 मई को कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. हालांकि आदेश के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष संतुष्ट नहीं है.

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