गलत तरीके से जमा किया जा रहा इम्पिरिकल डाटा
ओबीसी सर्वे पर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सरकार को किया आगाह

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. सुप्रीम कोर्ट में इम्पिरिकल डाटा जमा करने में विफल रही राज्य सरकार पिछले 15 दिनों से पूरे राज्य में इम्पिरिकल डाटा के लिए ओबीसी का सर्वे करा रही है. विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने गलत तरीके से इम्पिरिकल डाटा जमा ( Imperical data being submitted incorrectly) किए जाने का आरोप लगाते हुए सरकार को आगाह किया है.
मध्य प्रदेश सरकार ने ओबीसी का सर्वे करा कर सुप्रीम कोर्ट में इम्पिरिकल डाटा जमा किया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण की मंजूरी दे दी थी. लेकिन महाराष्ट्र सरकार इम्पिरिकल डाटा जमा नहीं कर सकी इसलिए मनपा सहित, जिला परिषद एवं अन्य होने वाले चुनावों में ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने बिन ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव कराने का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट से झटका खाने के बाद राज्य सरकार पिछले 15 दिनों से मनपा सहित अन्य सरकारी अधिकारियों को इम्पिरिकल डाटा जमा करने के लिए सर्वे किया जा रहा है.
देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकार परिषद में कहा कि राज्य सरकार द्वारा इम्पिरिकल डेटा जमा करने के कुछ आंकड़े उनके पास आये है. जिस तरीके से डाटा जमा किया जा रहा है उससे ओबीसी की जनसंख्या कम हो जाएगी. इस बार पिछली बार के मुकाबले जनसंख्या कम दिखाई जाएगी जिससे ओबीसी का नुक़सान उठाना पड़ सकता है. फडणवीस ने कहा कि ओबीसी में कई सरनेम को हटाने से समाज को बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है.
फडणवीस ने कहा कि सरकार देर से जागती है. ओबीसी सर्वे पर उसका ध्यान नहीं है. यही डाटा बाद में सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा जिससे ओबीसी की सीटें और कम हो जाएंगी. आज हम आंकड़े जारी नहीं कर केवल सरकार कै आगाह कर रहे हैं कि वे समय से जाग कर सही तरीके से सर्वे कराए.
बता दें कि मुंबई सहित राज्य की 12 महानगरपालिकाओं के चुनाव में ओबीसी को छोड़कर लॉटरी के जरिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जहां मानसून में कम बरसात होती वहां अभी चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है. मुंबई के अलावा जहां बरसात ज्यादा होती है वहां मानसून के बाद चुनाव कराए जाएंगे. राज्य सरकार इस उम्मीद में है कि यदि इम्पिरिकल डाटा जमा हो जाता है तो सुप्रीम कोर्ट में पेश कर ओबीसी आरक्षण की मंजूरी मिल सकती है. उससे पहले फडणवीस ने सरकार पर गलत तरीके से डाटा जमा करने का आरोप लगाकर सरकार कै कठघरे में खड़ा कर दिया है.