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104 घंटे जद्दोजहद के बाद राहुल को बोरवेल से निकाला

मूक बधिर राहुल की बची जान,50 फिट गहरे बोरवेल में फंसा था बच्चा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Opretion Rahul Janjgir : रायपुर. रायपुर के जांजगीर चांपा स्थित बोरवेल में 18 वर्षीय राहुल साहू को प्रशासन ने 104 घंटे जद्दोजहद के बाद आखिरकार रेस्क्यू कर ने में सफल रहे. रात 1 बजे राहुल को निकाल कर अपोलो अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. ( rahul sahul rescue operation) बिलासपुर अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि राहुल को मामूली चोट लगी है जो जल्द ठीक हो जाएगी. राहुल के स्वास्थ्य का परिक्षण करने वाले  डॉक्टर ने बताया कि प्राथमिक जांच में बीपी, शुगर, हार्ट रेट नॉर्मल है और फेफड़े भी क्लियर हैं.
अस्पताल ले जाने बना ग्रीन कॉरीडोर 
  राहुल को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने के लिए प्रशासन ने ग्रीन कॉरीडोर बनाया था. इस का इस्तेमाल कर राहुल को तुरंत बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया.  राहुल की एंट्री अपोलो के आपातकालीन गेट से हुई.  अपोलो अस्पताल में राहुल के बेहतर इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों को तैनात किया गया है. सीएमएचओ डॉ प्रमोद महाजन ने मीडिया को बताया कि राहुल के लिए प्रमुख रूप से बालरोग विशेषज्ञ, स्कीन स्पेशलिस्ट, लंग्स स्पेशलिस्ट व अन्य डॉक्टरों की तैनाती की गई है. मेडिकल बुलेटिन के अनुसार राहुल के पैर में सूजन है, वहीं हल्की चोट भी आई है, जो जल्द ही ठीक हो जाएगी.

राहुल है मूक बधिर

राहुल के पिता की गांव में बर्तन की दुकान है. उन्होंने बताया कि वह पैदाइश मूक- बधिर है. मानसिक रुप से कमजोर राहुल बोरवेल में गिरने के बाद गजब का जज्बा दिखाया. भीषण गर्मी की तपिश झेलकर भी वह ऑपरेशन राहुल में जुटे अधिकारियों को चिल्ला कर उत्तर देता था. वह  कभी स्कूल भी नहीं जाता था. पूरे गांव के लोग भी 5 दिन से उसी जगह पर टिके हुए थे जहां पर बच्चा गिरा था.राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है. उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि आज पूरा छत्तीसगढ़ उत्सव मना रहा है  ‘उसके साथ गढ्ढे में 104 घंटे तक एक सांप और मेढक उसके साथी थे”  जल्द अस्पताल से पूरी तरह ठीक होकर लौटे, हम सब कामना करते हैं.

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