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अप्रैल में मिलने लगेगा तलिये विस्थापितों को घर
200 घरों के निर्माण में जुटे हैं म्हाडा अधिकारी
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Taliye Village Development: मुंबई. रायगड जिले की महाड तहसील के तलिये गांव हादसे में विस्थापितों के पुनर्वास का काम तेजी से किया जा रहा है. तलिये विस्थापितों को बसाने की जिम्मेदारी म्हाडा पर है. हादसे वाली जगह से 800 मीटर की दूरी पर ही म्हाडा 263 घरों में से 231घरों निर्माण कर रहा है. (Mhada Developing 231 houses in taliye Raigad district) अब तक 32 घरों का निर्माण पूरा हो गया है. 170 घरों का काम शुरू है. अप्रैल 2023 तक 200 लोगों को घर मिलने शुरू हो जाएंगे.
म्हाडा कोकण मंडल के कार्यकारी अभियंता धीरज कुमार जैन ने तलिये गांव विस्थापितों के लिए हो रहे निर्माण कार्यों की जानकारी दी. इस अवसर पर म्हाडा की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वैशाली गडपाले, सहायक अभियंता राज अर्नालकर, जनसंपर्क अधिकारी हेमंत पाटिल आदि अधिकारी उपस्थित थे. जैन ने बताया कि हादसे के पीड़ितों को बसाने के लिए 17.64 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई थी. म्हाडा ने ले आऊट बना कर निर्माण कार्य शुरू किया है. जहां जमीन आवंटित की गई थी वह जमीन समतल नहीं थी. केंद्र सरकार ने पुनर्वास वाली भूमि का जिओलॉजिकल सर्वे कराया था, जिसमें इसे खिसकने का ड़र नहीं है. आईआईटी पवई ने घरों की डिजाइन और निर्माण कार्य को प्रमाणित किया है. हालांकि जमीन उबड़ खाबड़ होने के कारण म्हाडा के सामने चुनौतियां थी लेकिन उसे स्वीकार कर काम किया जा रहा है. जमीन जिस स्थिति में है, प्राकृतिक ढलानों से छेड़छाड़ किए बिना घरों का निर्माण किया जा रहा है जिससे भविष्य में हादसे की पुनरावृत्ति न हो.
म्हाडा कार्यकारी अभियंता कोकण मंडल-3 धीरज कुमार जैन जिनके कंधों पर विस्थापितों को बसाने की जिम्मेदारी है, ने बताया कि 6 जून 2022 को वर्क आर्डर मिला था. बरसात के चार महीने सामान नहीं पहुंचने के कारण काम नहीं हुए. उसके बाद अब तेजी से काम किया जा रहा है. इस वर्ष ज्यादातर घरों का काम पूरा कर लिया जाएगा.
प्रत्येक घर के 3000 वर्गफुट जमीन
जैन ने बताया कि प्रत्येक घर के 3000 वर्गफुट जमीन आवंटित की गई थी. जिसमें से 600 वर्गफुट कारपेट क्षेत्र में बन रहे हैं. घर की रचना करते समय गांव वालों से बात कर नेचुरल लुक देने के गांव की शैली का उपयोग किया गया है. इसमें दो बेडरूम हाल, किचन टायलेट और बाथरूम बनाया गया है. घर के आगे जगह छोड़ी गई है जहां वे अपने पशुओं को भी रख सकते हैं.
भूकंप रोधी घरों का निर्माण
घरों के निर्माण में अत्याधुनिक प्री फैब स्टील स्ट्रक्चर , कांक्रीट सैंडविच वॉल पैनल सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है. घरों का निर्माण में भूकंप रोधी तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है. घरों में पानी की टंकी, सौर ऊर्जा और सेप्टिक टैंक की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है. म्हाडा द्वारा निर्मित घरों में किसी भी प्राकृतिक आपदा को सहने की क्षमता होगी. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद घरों को जिलाधिकारी को सौंप दिया जाएगा. वही इन घरों का आवंटन करेंगे.