Breaking Newsमुंबईस्वास्थ्य
कल से रेसिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल/ नर्स एसोसिएशन भी होगा शामिल
ओपीडी बंद होने से मरीजों की बढ़ सकती है परेशानी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. बुनियादी सुविधाओं की मांग कर रहे रेसिडेंट डॉक्टरों ने कल यानी 2 जनवरी से हड़ताल पर जा रहे हैं. रेसिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल को नर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया है. इससे मुंबई के मरीजों की मुसीबत बढ़ सकती है. महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स (MARD) की चेतावनी के बाद भी सरकार ने उनसे बातचीत नहीं की है. इसलिए राज्य के हजारों रेजिडेंट डॉक्टर कल से हड़ताल पर चले जाएंगे.
कोरोना महामारी की आहट के बीच यदि ओपीडी बंद हो जाती है तो सरकारी अस्पतालों पर निर्भर रहने वाले मरीजों की मुसीबत बढ़ सकती है. रेसिडेंट डॉक्टरों को नर्स एसोसिएशन का भी समर्थन मिल रहा है ऐसे में अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
डॉक्टरों की मूलभूत समस्याओं की अनदेखी
Maharashtra Association of Resident Doctors (मार्ड) के अनुसार कई बार महाराष्ट्र सरकार एवं मुंबई महानगरपालिका के समक्ष अपनी मांगे उठाते रहे हैं. लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया. रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग में लंबित महंगाई भत्ता और उसका तत्काल भुगतान शामिल हैं. नायर हॉस्पिटल रेजिडेंट डॉक्टर का 8 महीने का कोविड पीरियड एरियर और केईएम और कूपर अस्पताल का दो माह का बकाया तत्काल भुगतान किया जाए. लेकिन सरकार ने डॉक्टरों की इन मूलभूत समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया है.
रेजिडेंट डॉक्टरों की समस्या सिर्फ वेतन और महंगाई भत्ते तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रदेश भर में रेजिडेंट डॉक्टरों को मिलने वाली सुविधाओं और सुविधाओं में भारी असमानता और समस्याएं हैं. सभी बीएमसी
अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए पर्याप्त छात्रावास की सुविधा नहीं है. अतिरिक्त 1432 वरिष्ठ रेजिडेंट पदों के प्रावधान वाली फाइल महाराष्ट्र सरकार ने अटका रखी है.
संबंध में मार्ड के पदाधिकारी डॉ. प्रवीण ढगे बताया कि “मेडिकल टीचिंग स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों को भरने, महाराष्ट्र में सभी वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए समान वेतन की हमारी मांग को महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग के निदेशक तत्काल नहीं स्वीकार करते हैं तो हमें ओपीडी बंद करने का फैसला करना होगा. इसके अलावा हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है.




