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मतपत्रों की जांच में एक पर बीजेपी, राष्ट्रवादी ने जताया आपत्ति

मतगणना फिर रुकी, मामला पहुंचा केंद्रीय चुनाव आयोग के पास

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
 mlc Election2022: मुंबई. भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप और मुक्ता तिलक बीमार होने के कारण नागपुर से एंबुलेंस के जरिए मतदान करने पहुंचे थे. दोनों एक सहायक के साथ  स्ट्रेचर पर मतदान किया कांग्रेस ने इन दोनों के मतदान की चुनाव आयोग को शिकायत की थी. चुनाव आयोग कांग्रेस की शिकायत को अमान्य कर दिया. मतपत्रों की वैधता जांचते समय भाजपा ने एक मतपत्र पर ओवर राइटिंग को लेकर आपत्ति जताई है. जबकि राष्ट्रवादी ने भी भाजप के एक मतपत्र पर आपत्ति दर्ज कराई है. फिलहाल इसकी चुनाव आयोग जांच कर रहा है. इस कारण से वोटों की गिनती रोक दी गई है. जिस मतपत्र में गलती पाई गई उसे अवैध ठहराएं या वैध आयोग निर्णय लेगा.
भाजपा ने बढ़ाया 30 का कोटा
भाजपा ने अपने चार उम्मीदवारों के लिए मतदान का कोटा बढ़ा कर 30 कर दिया था. वहीं शिवसेना ने मतदान का कोटा 32 कर दिया था. चुनाव खत्म होने के बाद यह जानकारी सामने आई है.बीजेपी के पास 106 उम्मीदवार एवं निर्दलीयों को मिला कर 116 वोट होते हैं. बीजेपी का 120 वोट का कोटा यहीं खत्म हो गया.  पांचवीं सीट पर प्रसाद लाड को निर्वाचित कराने के लिए भाजपा को दूसरी वरीयता के 134 विधायकों के समर्थन की जरूरत है. यदि मतों की गणना द्वितीय और तृतीय वरीयता के आधार पर की जाती है, तो पहले दौर के उम्मीदवारों के अतिरिक्त मत प्रसाद लाड को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे. भाजपा के चारों उम्मीदवारों के लिए 30 कोटा दिया गया था. एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 26 मतों का कोटा जरूरी है.
इसलिए, प्रसाद लाड को दूसरे दौर में कुल 16 वोट मिलेंगे, प्रत्येक उम्मीदवार के लिए अतिरिक्त चार वोट. पहले चार उम्मीदवारों के लिए 120 के कोटे का इस्तेमाल किया जाएगा और तीन वोट बचे रहेंगे. उसके बाद दूसरे दौर में लाड को इन चारों उम्मीदवारों में से प्रत्येक के 16 अतिरिक्त वोट भी मिलेंगे. इसलिए प्रसाद लाड को 16+3 जैसे 19 वोट मिलेंगे. इसलिए 26 वोटों के कोटे के हिसाब से प्रसाद लाड को 7 और वोट चाहिए. इसलिए इस चुनाव का नतीजा इस बात पर निर्भर करता है कि बीजेपी इन वोटों को बटोरने में कामयाब होगी या नहीं.
       शिवसेना ने बढ़ाया 32 का कोटा
   वहीं, शिवसेना ने सचिन अहीर और आमशा पाडवी को 32 वोट दिए हैं। इसलिए, अगर दूसरे दौर के वोट कांग्रेस के भाई जगताप के लिए गिने जाते हैं, तो भाई जगताप को शिवसेना के अतिरिक्त 12 वोट मिलेंगे. मालूम हो कि कांग्रेस ने अपने पहले उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे को 29 वोट दिए हैं. इसलिए कांग्रेस के पास अतिरिक्त 15 वोट हैं. इसमें भाई जगताप कुल 27 वोट, शिवसेना के 12 और कांग्रेस के 15 वोट पाकर जीत सकते हैं. हालांकि, कई समीकरण इस बात पर निर्भर करते हैं कि शिवसेना के विधायकों ने तीसरी वरीयता का वोट किसे दिया है.
10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार
   विधान परिषद चुनाव में 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं, इसलिए यह पहले से ही तय था कि यह चुनाव कठिन होगा. 10वें प्रत्याशी को निर्वाचित कराने के लिए विधायकों की आपस में तकरार और खरीद-फरोख्त की संभावना बनी हुई थी. इसलिए विधान परिषद का चुनाव भारी चर्चा का विषय बन गया था.  एनसीपी विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक ने विधान परिषद में वोट के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था हालांकि, अदालत ने मलिक और देशमुख याचिका को सुनवाई के बाद अस्वीकार कर दिया. कुल 288 विधायकों में से 285 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

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