मातोश्री के दरवाजे खुले, जिन विद्रोही विधायकों को लौटना है लौट आएं
मुंबई विरोधी सरकार ना बनाएं

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई .अगर विद्रोही विधायक वापस लौटना चाहते हैं, तो मातोश्री के दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले हैं. मुंबई विरोधी सरकार न बनाएं. निष्ठा यात्रा (Nishtha Yatra) निकाल रहे युवा सेना नेता आदित्य ठाकरे ( Aditya Thackeray) ने एक बार फिर बागी विधायकों से पार्टी में लौट आने की अपील की. पश्चिमी उपनगरों में आदित्य ठाकरे निष्ठा यात्रा का जुलूस निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं.
इस अवसर पर आदित्य ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी यह निष्ठा यात्रा लोगों के प्यार और विश्वास को देखने के लिए है. शिवसैनिकों का प्यार और विश्वास उद्धव ठाकरे के साथ है. उनका गुस्सा व्यक्तिगत तौर पर हमसे होगा, लेकिन मुंबईवासियों पर वह गुस्सा जाहिर न करें, वे मुंबई विरोधी सरकार न बनाएं.
आदित्य ठाकरे ने कहा कि जो वापस आना चाहते हैं उनके लिए मातोश्री का दरवाजा खुला है और वह हमेशा खुला रहेगा लेकिन जो मन बना कर गए हैं वे वहीं रहें, उन्हें वहीं खुश रहना चाहिए, उनके बारे में हमारे मन में कुछ भी नहीं है, लेकिन यह अफ़सोस की बात है उन्होंने हमारे पीठ खंजर घोंप दिया है. आदित्य ठाकरे ने ऐसे विधायकों को इस्तीफा देकर फिर से चुनाव में जनता का सामना करें. जनता का जो भी परिणाम आएगा, हमें स्वीकार होगा.
शाखाओं की उपेक्षा पड़ा भारी
हालांकि अब उनके ही पार्टी के कार्यकर्ता इस बगावत को मातोश्री का आंख खोलने वाला बता रहे हैं. निचले स्तर पर खास कर सत्ता में रहते हुए शिवसेना शाखा को भूल गए थे. विधायकों को मिलने के लिए तीन तीन घंटे बाहर बैठाया जाता था. इन्हीं शाखाओं की वजह से पार्टी को सत्ता मिली. बालासाहेब ठाकरे के समय तक शाखा में ही मंत्री, विधायक, नगरसेवक को आना पड़ता था. सत्ता मिलते ही शाखाओं की अहमियत खत्म कर दी गई. अब बगावत के बाद मातोश्री को फिर शाखा और शिवसैनिकों की याद आ रही जिन्हें भुला दिया गया था. बगावत एक तरह से मातोश्री की आंख खोलने वाला है.