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ओबीसी के आरक्षण के बिना होंगे नगर परिषद चुनाव

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को लगाई फटकार

हमारे आदेश को गलत पढ़ने की कोशिश न करें
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली. ओबीसी आरक्षण के साथ नगर परिषद चुनाव कराने की राज्य सरकार की कोशिश नाकाम हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने उन जगहों पर (City council elections will be held without reservation of OBC)ओबीसी आरक्षण लागू करने से इनकार कर दिया है जहां पहले ही नगर परिषद चुनाव की घोषणा हुई है. सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद नगर परिषद चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना ही  आयोजित किए जाएंगे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र चुनाव आयोग को फटकार लगाते हुए कहा है कि वे किसी के कहने पर आदेश को गलत तरीके से पढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.
  नगर परिषद चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट के जजों ने महाराष्ट्र चुनाव आयोग को फटकार लगाई. राज्य सरकार ने मांग की थी कि नगर परिषद के चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ कराए जाएं. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि ओबीसी आरक्षण का आदेश दिए जाने से पहले जहां  चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया गया था. उन स्थानीय निकायों के चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाएं.
शीर्ष अदालत ने कहा कि मई के आदेश के अनुसार 367 स्थानीय निकायों के चुनाव की अधिसूचना जारी की जानी थी. कई आदेशों में इस स्थिति को दोहराया गया था. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य चुनाव आयोग ओबीसी आरक्षण की अनुमति देने के लिए 367 स्थानीय निकायों के चुनाव कार्यक्रम को फिर से अधिसूचित नहीं कर सकता है.
चुनाव आयोग के एक हलफनामे में कहा गया है कि 92 स्थानीय निकायों के चुनाव कार्यक्रम को अधिसूचित कर दिया गया है लेकिन दो नगर पालिकाओं के चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं. शेखर नाफाड़े ने तर्क दिया कि चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव अधिसूचित किया गया था लेकिन बारिश के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था और वे आरक्षण के बाद चुनावों को फिर से अधिसूचित करेंगे.
इस पर शीर्ष अदालत ने आयोग को फटकार लगाते हुए कहा कि ‘हमने बार-बार स्पष्ट किया है कि अगर बारिश या बाढ़ के कारण चुनाव स्थगित होता है, तो अधिसूचना कायम रहेगी. यह स्वीकार्य नहीं है. आप अपनी सुविधा के लिए और शायद किसी के कहने पर हमारे आदेश को गलत तरीके से पढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. क्या आप चाहते हैं कि हम राज्य चुनाव आयोग के खिलाफ अवमानना ​​नोटिस जारी करें?
कोर्ट ने कहा कि जहां एक चुनाव कार्यक्रम अधिसूचित किया गया है, कार्यक्रम जारी रहना चाहिए. अदालत ने राज्य चुनाव आयोग पर भी निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग केवल बारिश या बाढ़ की चिंताओं के कारण तारीखों में बदलाव कर सकता है.

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