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मस्जिद बंदर का कर्नांक ब्रिज और विक्रोली ब्रिज यातायात के लिए तैयार, लोकार्पण की तारीख तय होना बाकी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। मुंबई महानगरपालिका द्वारा बनाए जा रहे मस्जिद बंदर स्थित कर्नांक ब्रिज यातायात के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए हैं। बीएमसी के अनुसार इन ब्रिजों का लोकार्पण की तारीख का इंतजार किया जा रहा है। (Masjid Bunder’s Carnac Bridge and Vikhroli Bridge are ready for traffic, inauguration date is yet to be decided) 

मस्जिद बंदर रेलवे स्टेशन और पी. डी. मेलो रोड को जोड़ने वाले कर्नाक फ्लाईओवर और मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों को जोड़ने वाले विक्रोली रेलवे स्टेशन के पास दोनों ब्रिज का निर्माण पूरा हो गया है है। मुंबई ट्रैफिक विभाग के साथ समन्वय करके दोनों पुलों को यातायात के लिए खोलने की तिथि जल्द ही निर्धारित की जाएगी। इससे  मुंबई में परिवहन को और अधिक गति मिलेगी।
मुंबई में सुचारू यातायात प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए बीएमसी  ने महानगर में विभिन्न सड़कों, रेलवे लाइनों, पैदल पुलों, स्काई ब्रिज आदि पर फ्लाईओवर का निर्माण किया है। बीएमसी के सेतु विभाग ने कुछ नए पुलों का निर्माण किया है, जबकि कुछ और पुलों पर निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसमें कर्नाक रेलवे फ्लाईओवर और विक्रोली रेलवे फ्लाईओवर भी शामिल हैं।
बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर (BMC Additional Commissioner Abhijit Bangar) ने ब्रिज विभाग के साथ समन्वय करके कर्नाक ब्रिज और विक्रोली ब्रिज दोनों के निर्माण, सिविल कार्यों और सहायक कार्यों के लिए समय सीमा तय की है। इस पृष्ठभूमि में, पिछले कुछ दिनों में काम में तेजी आई है। बांगर ने गुरुवार, 22 मई की रात को कर्नाक ब्रिज परियोजना स्थल का दौरा किया और प्रगति की समीक्षा की।
 बांगर ने कहा कि मध्य रेलवे द्वारा खतरनाक घोषित किए गए कर्नाक ब्रिज का पुनर्निर्माण बीएमसी ने किया है। इस पुल का पुनर्निर्माण मस्जिद बंदर क्षेत्र के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों को जोड़ने वाले मौजूदा संपर्क को बनाए रखने के लिए किया गया है। रेलवे सीमा के भीतर पुल की लंबाई 70 मीटर, पूर्व की ओर (पी. डी’मेलो रोड) 155 मीटर और पश्चिम की ओर (मोहम्मद अली रोड) 255 मीटर है।
वर्तमान में, कर्नाक ब्रिज के दोनों ओर पक्की पहुंच सड़कें बनकर तैयार हो चुकी हैं। पश्चिमी ओर डेक स्लैब का काम भी पूरा हो चुका है। पूर्वी तरफ 80 मीटर में से 40 मीटर लंबे डेक स्लैब का काम पूरा हो चुका है और इसका क्योरिंग पीरियड चल रहा है। शेष 40 मीटर के लिए “अर्ली स्ट्रेंथ कंक्रीट” का उपयोग किया गया है। ताकि 5 जून 2025 तक क्यूरिंग अवधि पूरी हो जाए। रेलवे सीमा के अंदर एंटी क्रैश बैरियर लगाने का काम चल रहा है। कुल मिलाकर पुल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। शेष कार्य जैसे पेंटिंग, दिशासूचक संकेत, बिजली के खंभे, थर्मोप्लास्टिक, कैट आई आदि का कार्य शुरू कर दिया गया है। ये सभी कार्य 10 जून 2025 तक पूरे हो जाएंगे। बांगर ने कहा कि सभी कार्य पूरे होने और कोई बाधा न होने के बाद, पुल की मजबूती, स्थिरता और सुरक्षा की जांच के लिए लोड टेस्ट किया जाएगा।
 अभिजीत बांगर  शुक्रवार, 23 मई को विक्रोली फ्लाईओवर परियोजना स्थल का दौरा किया और कार्य की समीक्षा की। उन्होंने ने कहा कि पूर्वी उपनगर विक्रोली में रेलवे लाइन के ऊपर फ्लाईओवर पूर्व-पश्चिम क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा। यह पुल विक्रोली के पश्चिम में लाल बहादुर शास्त्री मार्ग और पूर्वी क्षेत्र में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे को जोड़ेगा। इस फ्लाईओवर से यात्रा का समय लगभग 30 मिनट कम हो जाएगा।
वर्तमान में विक्रोली फ्लाईओवर के पूर्वी हिस्से का सारा काम पूरा हो चुका है। पश्चिमी ओर मैस्टिक डामर का काम चल रहा है। पुल के दोनों ओर दुर्घटना रोधी अवरोधक और ध्वनि अवरोधक लगाने का कार्य अंतिम चरण में है। रंग-रोगन और बिजली के खंभे लगाने का काम भी शुरू हो गया है। पश्चिम दिशा में ढलान तीव्र है, जहां पुल लाल बहादुर शास्त्री मार्ग से मिलता है। इस क्षेत्र को कंक्रीट भरकर ऊंचा किया गया है। ताकि तेज गति से चलने वाले वाहनों से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं से बचा जा सके। इस कंक्रीटिंग की क्योरिंग तिथि 30 मई 2025 तक पूरी हो जाएगी। साथ ही पुल के सहायक कार्य भी पूरे हो जाएंगे। कुल मिलाकर, 31 मई 2025 तक सभी पुल निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ऐसा विश्वास श्री बांगर ने व्यक्त किया है।

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