केईएम में बनेगी 16 मंजिला नई इमारत
वास्तुकला विभाग द्वारा तैयार की गई हेरिटेज योजना

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई में मरीजों के बढ़ते दबाव के कारण बीएमसी ने मनपा के प्रमुख केईएम अस्पताल में 16 मंजिला (16 storey new building to be built in KEM) नई इमारत बनाने का निर्णय लिया है. केईएम अस्पताल की इमारत ब्रिटिश काल में बनी थी. उसके बगल में वर्षों पहले एक नई इमारत बनाई गई थी लेकिन अब वहां भी जगह कम पड़ने लगी है. उस इमारत में भी कई जगह दरार दिखने लगी है. इसलिए मुंबई महानगरपालिका ने वहां एक अतिरिक्त ‘हेरिटेज सर्विस टावर’ बनाने का फैसला किया है.
चूंकि केईएम अस्पताल भवन एक हेरिटेज इमारत है इसलिए वहां बनने वाले नए टॉवर को भी हेरिटेज का रुप दिया जाएगा. इसके लिए वास्तुकला विभाग ने पुरानी इमारत से मैच खाती डिजाइन तैयार करने के लिए विशेष योजना बनाई है.
मुंबई में कोराना मरीजों की देखभाल और बेड की कठिनाइयों के बाद बीएमसी को मुंबई में स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत करने का ख्याल आया है. मुंबई में बढ़ रही मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाएं भी कम पड़ने लगी हैं.
इसको देखते हुए मनपा नए अस्पतालों के निर्माण, पुराने अस्पतालों के पुनर्निर्माण जैसी परियोजनाएं शुरु की हैं. इसके तहत मुंबई के 10 अस्पतालों का बीएमसी या तो पुनर्निर्माण कर रही है या नये अस्पताल बना रही है. बीएमसी भांडूप और घाटकोपर में नये अस्पताल की नींव रखी है. इन अस्पतालों में अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. बीएमसी का केईएम अस्पताल, जो मुंबई के प्रमुख अस्पतालों में से एक है, उसकी स्थापना 1926 में ब्रिटिश काल के दौरान हुई थी. अस्पताल की पुरानी इमारत को ‘विरासत वास्तु’ की सूची में शामिल किया गया है. हालांकि इस अस्पताल में 1800 से ज्यादा बेड हैं, लेकिन मरीजों और रिश्तेदारों की बढ़ती संख्या के सामने ये कम पड़ रहे हैं. इसके चलते अस्पताल परिसर में एक और ‘सर्विस टावर’ बनाने का निर्णय लिया गया है.
केईएम अस्पताल गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करने के लिए जाना जाता है और मुंबई सहित पूरे देश के कोने कोने से लोग यहां इलाज के लिए आते हैं. यहां पर न्यूरोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फिजियोटिक, रेडियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, कार्डियोलॉजी जैसे कई मुख्य विभाग हैं. बीएमसी अब नए विभागों को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है.
केईएम अस्पताल में बनाये जाने वाले सर्विस इमारत को भूतल और 16 मंजिलों के रूप में डिजाइन किया गया है. भवन के निर्माण के लिए ‘आर्क डिजाइन’ का चयन किया गया है और इस पर 30 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इसके लिए इंडो-गॉथिक शैली की वास्तुकला का इस्तेमाल किया जाएगा. वास्तु विभाग ने कुछ पुराने भवनों की निर्माण शैली का अध्ययन किया है. निर्माण के अलावा दरवाजों और खिड़कियों की डिजाइन, उन पर की गई नक्काशी और इमारत के खूबसूरती को पुरानी इमारत से मेल खाती हो ऐसा प्रयास किया गया है.
वास्तुकला विभाग के चीफ इंजीनियर सुरेंद्र बोराले ने बताया कि बीएमसी के प्रमुख अस्पतालों में से एक होने के कारण देश भर से मरीज आते हैं. इस अस्पताल की इमारत ब्रिटिश काल की है, जिसे हेरिटेज इमारत का दर्जा प्राप्त है. इसलिए यहां बनने वाले नए भवन को पुरानी इमारत से मिलता जुलता रूप’ दिया गया है ताकि इस अस्पताल का स्वरूप न बदले. इसके लिए वास्तुकला विभाग द्वारा ‘विरासत समिति’ की आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली गई है. नए भवन के लिए ‘आर्क डिजाइन’ का प्रयोग किया गया है.