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मुंबई की सड़कों के गड्ढों की सुनवाई करेगी स्पेशल बेंच
कमीशनखोरी के कारण सड़कों का बुरा हाल

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई की सड़कों में गड्ढों की समस्या की सुनवाई अब मुंबई हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच करेगा. (Special Bench will hear potholes in Mumbai’s roads) मानसून के समय गड्ढों की समस्या आम हो जाती है. बीते कई सालों से हजारों करोड़ रुपया खर्च करने के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है. जिसका खामियाजा लोगों को जान देकर चुकाना पड़ता है. बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस एम.एस कर्णिक ने लिया है. गड्ढों के मुद्दे पर सुनवाई की जिम्मेदारी एक स्वतंत्र पीठ को सौंपने का फैसला किया है. अधिवक्ता मनोज शिरसाट द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर यह निर्णय लिया गया है.
मनोज शिरसाट की याचिका में कहा गया है कि गड्ढों के कारण नागरिकों के मूल अधिकारों का हनन हो रहा है. साथ ही गड्ढों के कारण नागरिकों की जान भी जा रही है. मनोज शिरसाट ने चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस कार्णिक की बेंच से इस मामले में तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था.
मुंबई की सड़कों में गड्ढों के लिए 2013 में हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेते हुए गड्ढों के मुद्दे को लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले में समय-समय पर गड्ढों की समस्या के समाधान के लिए व्यापक आदेश दिए. लेकिन गड्ढे की मरम्मत की शिकायत के संबंध में दिए गए आदेशों का पालन नहीं किए जाने पर अवमानना याचिका भी दायर की गई थी. शिरसाट ने अदालत को बताया कि उस पर सुनवाई के दौरान भी अदालत ने मानसून के मौसम में सड़कों की खराब स्थिति के कारण सरकारी व्यवस्था और नगर पालिकाओं पर सख्त टिप्पणी की थी. फिर भी, स्थिति में सुधार नहीं हुआ. गड्ढों के कारण नागरिक अपनी जान गंवा रहे हैं, शिरसाट ने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले में तत्काल सुनवाई की जरूरत है. कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया. अदालत ने मामले से जुड़े दस्तावेज अदालत में जमा करने को भी कहा और स्पष्ट किया कि मामले की सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन किया जाएगा.
मुंबई महानगरपालिका मानसून में गड्ढों की समस्या दूर करने के लिए नई तकनीकी के नाम पर खानापूर्ति करती हैं. इस वर्ष भी नई तकनीकी का हवाला देकर गड्ढों पर वही पुराना मुलम्मा चढ़ा कर नागरिकों को भ्रमित करने का प्रयास किया गया. भ्रष्टाचार के आकंठ डूबे मनपा अधिकारी कमीशनखोरी से बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं. इस कमीशनखोरी में अधिकारी से लेकर नेता सभी लगे हुए हैं जिस कारण जनता को बदहाल सड़कों का सामना करना पड़ रहा है.