बीएमसी ने शिवसेना की दशहरा रैली को होल्ड पर रखा
सत्ता बदलते ही बदले गए अधिकारी, असमंजस में उद्धव गुट के लोग

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई मनपा में बीते 30 सालों पर काबिज रही शिवसेना (ShivSena) के इशारे पर नाचने वाले बीएमसी अधिकारी सत्ता बदलने के साथ बदल गए हैं. (BMC puts Shiv Sena’s Dussehra rally on hold) अनेकों वर्षों से शिवाजी पार्क में दशहरा रैली ( Dashahra Rally) मना रही शिवसेना ने इस वर्ष भी बीएमसी से अनुमति देने का अनुरोध किया था, लेकिन बीएमसी ने शिवसेना को परमीशन देने के बजाय होल्ड पर रख दिया है. शिवसेना से अलग हुए शिंदे गुट इस बार शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करना चाहता है.
शिवसेना में दो गुटों के गिरने से अब इस बात की चर्चा है कि दादर के छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क में शिवसेना दशहरा मेला कौन आयोजित करेगा. शिव तीर्थ पर अभी तक शिवसेना को अनुमति नहीं मिली है.
हर साल की तरह शिवसेना ने मुंबई मनपा से शिवाजी पार्क में दशहरा सभा आयोजित करने की अनुमति मांगी है. हालांकि, शिवसेना में दोनों गुटों की तरफ से वहीं पर रैली की मांग किए जाने से इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है कि दशहरा सभा की मेजबानी कौन करेगा. उधर, अब यह बात सामने आई है कि शिवसेना की दशहरा सभा को लेकर फैसला मुंबई मनपा ने लंबित रखा है. शिवाजी पार्क में दशहरा सभा आयोजित करने की अनुमति के लिए शिवसेना ने भले ही दो पत्र दिए हैं, लेकिन महानगर पालिका ने अर्जी पर फैसला नहीं किया है.
मनपा के सहायक आयुक्त ने बताया है कि गणेशोत्सव समाप्त होने के बाद ही दशहरा रैली की अनुमति के संबंध में निर्णय लिया जाएगा. साथ ही मनपा की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इस समय सभी कर्मचारी आवश्यक प्रशासनिक मामलों और गणेशोत्सव की तैयारियों में लगे हुए हैं, इसलिए दादर के शिवाजी पार्क में शिवसेना के दशहरा सभा की अनुमति के संबंध में निर्णय नहीं लिया जा सका.
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समूह के शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने इस साल शिवसेना की पारंपरिक दशहरा सभा को लेकर सकारात्मक संकेत दिया है. म्हस्के ने कहा कि हिंदुत्व के विचारों की आवाज बुलंद करने शिवसैनिक शिवाजी पार्क में जमा होंगे.अब हम हिंदुत्ववादी हैं. हिंदुत्व के विचारों पर अधिकार जताने वालों ने इस विचार को छोड़ दिया है. तो उन्हें इकट्ठा होने का क्या अधिकार है? हमें इस सभा को आयोजित करने का अधिकार है. इसलिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जल्द ही इस तथ्य के बारे में निर्णय लेंगे कि हमें ही दशहरा मेला आयोजित करने का अधिकार है.
अब तक शिवसेना एक रही है. बालासाहेब ठाकरे के बाद उद्धव ठाकरे इस सभा को संबोधित करते थे लेकिन अब बिखराव के बाद दोनों गुट पार्टी पर अपना दावा कर रहे हैं. सत्ता परिवर्तन का असर है कि शिवसेना को दशहरा रैली की अनुमति नहीं मिल रही है.