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महाराष्ट्र तक सीमित हो गई उद्धव की शिवसेना

दूसरे राज्यों के नेता, कार्यकर्ता शिंदे के साथ

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद से महाराष्ट्र में एक बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. (Uddhav’s Shiv Sena is limited to Maharashtra)शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को जहां राज्य के कोने-कोने से झटके लग रहे हैं, वहीं अब उन्हें महाराष्ट्र के बाहर से भी झटके लग रहे हैं. उद्धव ठाकरे की शिवसेना केवल महाराष्ट्र तक ही सीमित हो गई लगती है. दस राज्यों के शिवसेना के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार को मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बैठक कर उन्हें समर्थन देने का एलान किया. शिंदे को समर्थन देने वाले राज्यों में दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश समेत आठ राज्यों  के नेताओं का समावेश है.

एकनाथ शिंदे ने विद्रोह का आह्वान करने के साथ  महाराष्ट्र में शिवसेना की ताकत को क्षीण कर दिया.  शिंदे के साथ 40 विधायक, 10 समर्थक निर्दलीय विधायक, 12 सांसद, कई पार्षद, पदाधिकारी, शिवसैनिक उनके साथ आए. उसके बाद से ठाकरे के समूह के नेताओं का शिंदे के साथ जाने का सिलसिला जारी है. राज्य के विभिन्न हिस्सों से कार्यकर्ता शिंदे समूह से लगातार जुड़ रहे हैं.इसी तरह ठाकरे को देश के अलग-अलग हिस्सों से झटका लगा है.

     आठ राज्यों में ठाकरे को झटका 

देश भर से शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को मुंबई में बैठक की. इस बैठक में भाग लेने वाले दस में से आठ राज्यों के शिवसेना प्रमुखों ने एकनाथ शिंदे का समर्थन करने का फैसला किया है.इन  राज्यों में दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गोवा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ शामिल हैं.

       असली शिवसेना किसकी

शिवसेना का आधिकारिक चुनाव चिन्ह किसे मिलेगा और असली शिवसेना किसकी है, चुनाव चिन्ह धनुष-बाण जैसे सवाल सुप्रीम कोर्ट या चुनाव आयोग के समक्ष लंबित हैं. ऐसे समय में इन बड़े नेताओं का समर्थन मिलना शिंदे के पक्ष में निर्णायक साबित हो सकता है. चूंकि शिवसेना के संविधान में उल्लेख है कि राज्य के बाहर के पदाधिकारियों की राय पर भी विचार किया जाएगा, ऐसा लगता है कि शिंदे ने उन्हें अपने पक्ष में करने की कोशिश की है.

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