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नासिक बस हादसे में जिंदा जले लोगों के शवों को पहचानना मुश्किल

डीएन, फॉरेंसिक रिपोर्ट का रखा जाएगा रिकार्ड

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
नासिक. आज सुबह 4.30 बजे नासिक बस हादसे में 12 लोग जिंदा जल गए. (Difficult to identify bodies of people burnt alive in Nashik bus accident) बस में बिखरी पड़ी लाशों को निकाल कर अस्पताल लाया गया. प्रशासन के सामने अधजले शवों को पहचानना मुश्किल हो गया है. अब प्रशासन इन शवों की पहचान के लिए डीएनए और फॉरेंसिक रिपोर्ट को रिकार्ड के तौर पर जमा कर रही है, जिससे परिजनों के डीएनए से मिलान भी कर शवों की पहचान सुनिश्चित की जा सके.
इस बस हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो गई. चार यात्री सकुशल घर पहुंच गए जबकि दो घायलों का इलाज विजन अस्पताल में चल रहा है. पांच घायलों का पंचवटी के सिल्वर अस्पताल में, एक सुविधा अस्पताल में और 31 घायल यात्रियों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. हादसे में कुल 39 लोग घायल हुए थे.
 नासिक-औरंगाबाद मार्ग पर आज तड़के हुए हादसे में एक निजी यात्री बस में आग लग गई और 12 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि कुछ यात्रियों को मामूली व गंभीर चोटें आईं. इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सरकारी अस्पताल में भर्ती सभी घायलों और उनके परिजनों से तुरंत मुलाकात की.
 मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तड़के जो घटना हुई वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में सरकार दुर्घटना पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ है. जिला अस्पताल और अन्य अस्पतालों में भर्ती मरीजों को तत्काल सभी चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं. साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस हादसे में मारे गए यात्रियों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपए की सहायता की घोषणा की गई है और घायलों के इलाज का सारा खर्च सरकार वहन करेगी. इससे पूर्व मुख्यमंत्री शिंदे ने दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया.
 जिला सर्जन डॉ. अशोक थोराट के मार्गदर्शन में हड्डी रोग विशेषज्ञ विभाग के प्रमुख डॉ. गोपाल शिंदे सहित चार अस्थिरोग चिकित्सकों की टीम, सर्जन डॉ. भामरे के नियंत्रण में 3 सर्जनों की टीम, एनेस्थिसियोलॉजिस्ट डॉ. सचिन पवार के नियंत्रण में 2 एनेस्थेटिस्ट, 2 फोरेंसिक विशेषज्ञ, 4 दुर्घटना चिकित्सा अधिकारी हैं, जिनमें कुल 19 चिकित्सा दल शामिल हैं, जिनमें सभी आपातकालीन कक्ष अधिकारी, वार्ड मैट्रॉन और चतुर्थ श्रेणी के सभी कर्मचारी शामिल है. सभी मरीजों की हालत स्थिर है और एक मरीज की हालत गंभीर है, उसे आगे के इलाज के लिए 108 एंबुलेंस में डॉ. वसंतराव पवार मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.

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