आईएनएस न्यूज नेटवर्क मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ दिए बयान पर पार्टी अब्दुल सत्तार को (NCP adamant till the sacking of Abdul Sattar Movment will continue) बर्खास्त करने पर अड़ गई है. महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल (Jayant Patil) ने कहा कि जब तक सत्तार को मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं किया जाता हम चुप नहीं बैठेंगे. राकांपा का एक प्रतिनिधिमंडल आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर अब्दुल सत्तार को कैबिनेट से तत्काल बर्खास्त करने की मांग की. कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने हमारी सांसद सुप्रिया सुले के बारे में आपत्तिजनक बयान देकर एक बार फिर अपना निम्न स्तर दिखाया है. कैबिनेट में एक जिम्मेदार मंत्री के लिए भारत की संसद में काम करने वाली एक महिला सांसद के बारे में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना और इस तरह से बात करना कदापि उचित नहीं है. सत्तार के बयान की हर स्तर पर निंदा हो रही है. जयंत पाटिल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें कैबिनेट से उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है. अब्दुल सत्तार की भाषा बहुत निम्न स्तर की है. इससे पहले उन्होंने कलेक्टर से पूछा था कि क्या वह शराब पीते हैं.अब संसद में जोरदार तरीके से बोलने वाली महिला की बात करना तो हद हो गई है. जयंत पाटिल ने यह भी कहा कि मंत्रियों को कुछ सीमाएं बनाए रखनी होती हैं लेकिन इन मंत्रियों द्वारा बार-बार इन सीमाओं का उल्लंघन किया जाता है, इसलिए उन्होंने एक बयान के माध्यम से सत्तार की बर्खास्तगी की मांग की है. राज्यपाल सर्वोच्च है. अगर सरकार नहीं सुनेगी तो हम राज्यपाल के पास अपनी बात रखते रहेंगे. पाटिल ने कहा कि यह विषय माफी मांगने के साथ खत्म नहीं होगा. महाराष्ट्र में बयान देने और फिर माफी मांगने से काम नहीं चलेगा. सरकार को सोचना चाहिए कि उनके अपने सहयोगी कैसे हो.अब्दुल सत्तार के खिलाफ साधारण अपराध दर्ज नहीं की जा रही है. जयंत पाटिल ने यह भी अपील की कि अगर पुलिस डरती है क्योंकि वे मंत्री हैं, तो पुलिस को अपने कर्तव्य से विचलित नहीं होना चाहिए, सरकारें आती हैं और सरकारें जाती हैं. अब यह स्पष्ट है कि महिलाओं के प्रति इस सरकार में मंत्रियों की क्या भूमिका है, वे महिलाओं से कैसे नफरत करते हैं, वे महिलाओं के बारे में क्या सोचते हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सोचना चाहिए कि सरकार में मंत्री कैसे होने चाहिए और क्या देवेंद्र फडणवीस मंत्री के बयान से सहमत हैं? इस पर सवाल उठाते हुए जयंत पाटिल ने यह भी चेतावनी दी कि यदि मंत्रियों का यह रुख भाजपा को स्वीकार्य है तो उन्हें बर्खास्त नहीं करेंगे. और यदि यह स्वीकार्य नहीं है तो उन्हें समझ लेना चाहिए कि सरकारें आती जाती रहती हैं. राज्यपाल से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में पूर्व गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो, मुंबई के कार्यकारी अध्यक्ष नरेंद्र राणे, राखी जाधव, मुंबई युवा अध्यक्ष अदिति नलावड़े, अल्पसंख्यक मुंबई अध्यक्ष सोहेल सुभेदार, दक्षिण मुंबई जिलाध्यक्ष महेंद्र पनसारे आदि शामिल थे.