मुख्यमंत्री शिंदे के एक फैसले से उद्धव गुट क्लीन बोल्ड/ नेताओं में बौखलाहट/ पैरो तले खिसकी जमीन
दक्षिण मुंबई की 388 इमारतों का पुनर्विकास / मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद श्रेय लेने की होड़

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. दक्षिण मुंबई (South Mumbai) में 1970 से 1980 के बीच म्हाडा की तरफ से बनाई गई 388 इमारतों के पुनर्विकास का मुद्दा वर्षों से लंबित था. इमारतों के मुद्दे पर राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री के एक फैसले से क्लीन बोल्ड हो गए हैं. (CM Shinde One Dicision Udhhav Faction Cleenbold) इन इमारतों में म्हाडा की तरफ से उपयोग की गई निर्माण सामग्री इतनी घटिया थी कि 10 साल में ही इमारतों की हालत दयनीय हो गई. वर्षों की लड़ाई के बाद म्हाडा पुनर्रचित संघर्ष समिति को अब जाकर सफलता मिली है. लेकिन दक्षिण मुंबई की 388 इमारतों के पुनर्विकास की समस्या हो हल कर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक तीर से कई निशाने साध गए.
राजनीतिक पार्टियों में इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है. भाजपा जहां कह रही है कि इस विषय को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मिल कर हल किया है वहीं शिवसेना उद्धव गुट को ऐसा करंट लगा है कि उसके नेता तिलमिला गए हैं.
दरअसल दक्षिण मुंबई शिवसेना का गढ़ रहा है. म्हाडा निर्मित 388 इमारतें शिवसेना का बाल किला कहे जाने वाले लालबाग परेल, चिंचपोकली, भायखला से लेकर दादर तक फैली हुई हैं. म्हाडा पुनर्रचित संघर्ष समित, म्हाडा रिपेयर बोर्ड समिति के पदाधिकारी इन इमारतों के निर्माण को लेकर म्हाडा से लेकर राज्य की सत्तासीन सभी सरकारों के दरवाजे पर भटकते रहे लेकिन किसी ने नहीं सुना.
पिछली सरकार ने डीसीआर रूल के तहत पीएमजीपी की 66 इमारतों के पुनर्विकास का रास्ता साफ कर दिया था लेकिन 388 इमारतों के निवासियों को हासिए पर डाल दिया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के एक आदेश से शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के नेता चित हो गए हैं. एकनाथ शिंदे ने उद्धव के किले में ऐसी सेंध लगाई है कि उसके सामने अब सीमित विकल्प ही बचे हैं.
शिवसेना उद्धव गुट के ज्यादातर नगरसेवक इन्हीं इलाकों से चुने जाते हैं. 388 इमारतों के पुनर्विकास का ऐसा मुद्दा है कि उद्धव गुट में नगरसेवकों में भगदड़ मच सकती है. मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद शिवड़ी के विधायक अजय चौधरी ने मोर्चा निकाला. उनका कहना था कि उनके प्रयासों के कारण 388 इमारतों के पुनर्निर्माण की राह खुली है. वही संघर्ष समिति के सदस्य ही नहीं म्हाडा की 388 इमारतों के निवासी मुख्यमंत्री के इस फैसले से बहुत खुश हैं. जैसा कि मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि 33 (24) के तहत इमारतों का पुनर्निर्माण के जल्द जी आर निकाला जाएगा. यदि जी आर निकल गया तब शिवसेना उद्धव गुट के नेताओं की क्या हालत होगी शब्दों में नहीं लिखा जा सकता. अभी तो सीएम के एक फैसले से इतनी बौखलाहट मच गई है.




