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मलाड में भूमि अतिक्रमण करने वालों पर लगेगा एमपीडीए

बीएमसी का पुलिस को पत्र भूमाफियाओं पर करें कार्रवाई

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. उपनगर के पालक मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ( Mangal prabhat lodha) के आदेश पर मालाड में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण (MPDA will be imposed on land encroachers in Malad) करने वालों के खिलाफ बीएमसी ने अपना रुख सख्त कर लिया है. बीएमसी पी उत्तर विभाग ने पुलिस को पत्र लिखकर अतिक्रमणकारियों पर एमपीडीए के तहत कार्रवाई करने की मांग की है. मालाड में जिलाधिकारी, म्हाडा, बीएमसी और प्राइवेट भूमि पर मिट्टी डालकर कर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया जा रहा है. बताया जाता है कि अतिक्रमण करने वालों में बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हैं जो फर्जी कागजात पर भारत में रह रहे हैं. 
 पी उत्तर विभाग की तरफ से पुलिस को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सरकारी भूमि को कब्जा कर झोपड़े बनाए जा रहे हैं. खाली जमीन को मिट्टी से पाट कर  रातों रात नए झोपड़े खड़े किए जा रहे हैं. बीएमसी प्रशासन ने पुलिस विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि खाली जमीन को पाट कर झोपड़े बनाने वाले जिन लोगों को बीएमसी अधिकारी पकड़ कर देंगे उन पर एमपीडीए के तहत कार्रवाई करे और ऐसे लोगों को तड़ीपार करें.
 पश्चिम उपनगर के पालक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा की मनपा के पी उत्तर वार्ड में हुई बैठक में कहा था कि उन्हें शिकायत मिली है कि मालाड में बड़े पैमाने पर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का प्रभाव बढ़ रहा है. बड़ी संख्या में यहां पर बंग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक दिखाई दे रहे है.उन्होंने इनकी जांच करने के लिए एक समिति स्थापना करने की बात कही थी. जिसके बाद  एक समिति स्थापित की गई है. मनपा प्रशासन की जांच में पता चला है कि इस परिसर में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण कर झोपड़े बनाए जा रहे हैं.
पी उत्तर विभाग ने पुलिस विभाग को पत्र लिख कहा है कि इस परिसर में खाली जमीन को पाटने के लिए ट्रक, डंपर और छोटे टेंपो का उपयोग किया जा रहा है. जमीन में मिट्टी पाटने वालों मनपा अधिकारी पकड़ कर पुलिस के हवाले करेंगे. ऐसे लोगों पर पुलिस आईपीसी अधिनियम के तहत कार्रवाई कर तड़ीपार करे.
 सरकारी जमीन पर कितना अतिक्रमण 
बीएमसी पत्र के अनुसार अवैध रूप से कब्जा की जा रही जमीन में 50 प्रतिशत जमीन कलेक्टर की है. 20 प्रतिशत जमीन मैंग्रोव यानी वन विभाग की,10 प्रतिशत जमीन म्हाडा की,10 प्रतिशत प्राइवेट और 10 प्रतिशत मनपा की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है. म्हाडा अतिक्रमित जमीन में 50 प्रतिशत मैंग्रोव है.
   भू माफियाओं पर क्यों नहीं होता एक्शन 
बीएमसी अधिकारी का कहना है कि सरकारी भूमि कब्जा करने वालों को बीएमसी केवल जुर्माना वसूल कर सकती है.  पुलिस में शिकायत करने के बावजूद केवल एफआईआर दर्ज की जाती है. लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं होती है. पुलिस को एमआरटीपी  के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा जाता है लेकिन जमीन मालिक  का नाम और पता नही मिलने के कारण आगे कार्रवाई रुक जाती है.
 जमीन मालिक आगे आकर शिकायत करें तो कार्रवाई करने में आसानी होगी. भू माफियाओं पर कठोर कार्रवाई नहीं होने के कारण इनका मनोबल बढ़ता जा रहा है. हालांकि अब पालक मंत्री के आदेश पर बीएमसी ने सख्त रुख दिखाया है. बीएमसी की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो संबंधित पुलिस अधिकारी पर गाज गिरना तय है.

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