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म्हाडा ट्रांजिट कैंप के निवासियों का शुरु हुआ बायोमैट्रिक सर्वे

तीन महीने में सर्वे पूरा करने का लक्ष्य, घुसखोरों पर लगेगी लगाम

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. म्हाडा के मुंबई बिल्डिंग रिपेयर एंड रिकंस्ट्रक्शन (Mhada Repair and Reconstruction board) बोर्ड के मुंबई शहर और उपनगरों में विभिन्न स्थानों पर ट्रांजिट कैंप (Transit camp biomatric Survey) हैं. ट्रांजिट कैंपों में रह रहे निवासियों का आज से बायोमैट्रिक सर्वे आखिरकार आज से शुरू हो गया.

बोर्ड ने सबसे पहले सहकार नगर, चेंबूर स्थित संक्रमण शिविर के निवासियों का सर्वेक्षण शुरू किया. रिपेयर बोर्ड ने तीन महीने के भीतर सभी ट्रांजिट कैंप निवासियों का बायोमेट्रिक सर्वे पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

मुंबई में खतरनाक हो चुक सेस इमारतों के निवासियों को ट्रांजिट कैंपों में भेज दिया जाता है. इसके लिए मुंबई बिल्डिंग रिपेयर एंड रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड ने शहर और उपनगरों में  कई ट्रांजिट कैंप बनाए हैं. इन ट्रांजिट कैम्पों में 8 हजार 448 अनाधिकृत रहवासी रह रहे हैं. चूंकि इन निवासियों के खिलाफ पिछले 20 वर्षों से कोई कार्रवाई नहीं की गई थी, इसलिए उन्हें स्वामित्व के अधिकार के साथ घर देने की नीति बनाई गई थी. राज्य कैबिनेट की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई है. इसके अनुसार ट्रांजिट कैंप के नागरिकों के ए, बी, सी ग्रुप बनाए जाएंगे.  बोर्ड ने ट्रांजिट कैंप के अधिकृत और अनाधिकृत रहवासियों का दोबारा सर्वे करने का निर्णय लिया है. सर्वेक्षण के माध्यम से टीसी निवासियों की पात्रता तय करने के उद्देश्य से 24 नवंबर से बायोमीट्रिक सर्वे शुरू किया गया.

सर्वे के दौरान बोर्ड ने नगरवासियों से भूमि के मूल दस्तावेज एवं सेस इमारतों के कागजात, ट्रांजिट  वितरण दस्तावेज के साथ ही आधार, पैन कार्ड एवं पहचान पत्र के रूप में अन्य दस्तावेज एवं उनके साथ उपस्थित होने की अपील की है. निवासी को अपने साथ स्कैन किया हुआ डाक्यूमेंट लाने के लिए कहा है.

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